इसके तहत पुलिस ने भी जेएलएफ आयोजकों को इस साल इसी शर्त पर परमिशन दी है कि वे अगले साल यहां से दूसरे स्थान पर यह आयोजन करेंगे। पिछले साल आयोजन के दौरान लंच एरिया में पीपल का पुराना पेड़ गिरने से पांच डेलिगेट्स चोटिल हो गए थे और उनके पास एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाई थी और पुलिस को इस दौरान काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा था। इस सहित 16 बिंदुओं पर पुलिस ने सरकार को पत्र लिखा था, जिसके जवाब में राज्य सरकार ने सभी आपत्तियों को सही मानते हुए आयोजकों को आयोजन स्थल बदलने का पत्र भेज दिया है।
एपीजे अब्दुल कलाम के सेशन मे थी 10 हजार ऑडियंस
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार डिग्गी पैलेस में सात अलग-अलग जगह वैन्यू बनाए जाते हैं, जिसमें लगभग चार से पांच हजार लोगों के बैठने की सुविधा होती है। 2016 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सेशन में 300 की सीटिंग में लगभग 10 हजार लोग पहुंचे थे। ऐसे में उन्हें स्टेज तक पहुंचाने और बाहर निकालने में पुलिस को जमकर असुविधा हुई थी। पुलिस का मानना है कि ऐसे समय में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी, जिससे जनहानि की आशंका बन जाती, साथ ही अतिथियों की सुरक्षा को भी खतरे की संभावना उत्पन्न हो जाती। संकरी गली और भीड़ के चलते वैन्यू के नजदीक तक एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड तक नहीं पहुंच पाती।
कॉलोनी के लोगों को हर साल समस्या
जेएलएफ के आयोजन के दौरान डिग्गी पैलेस के आस-पास की कच्ची बस्ती और आवासीय कॉलोनी में रहने वाले लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। आयोजन के समय पुलिस को वहां रहने वाले लोगों को पास की व्यवस्था करनी पड़ती थी। संग्राम कॉलोनी में हर साल फेस्टिवल का विरोध भी किया जाता रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जेएलएफ में लगने वाली स्टॉल में सामान लाने-ले जाने के लिए महावीर मार्ग से संग्राम कॉलोनी में से होते हुए डिग्गी पैलेस के पिछले गेट से अंदर ले जाया जाता है। इस दौरान लगभग 40 से 50 वाहन एक साथ कॉलोनी में प्रवेश करते हैं और कॉलोनी के लोगों को आने-जाने वाले से लेकर खुद की गाड़ी पार्क करने तक में समस्या का सामना करना पड़ता है।
टोंक रोड रहता है जाम
पांच दिवसीय इस फेस्ट में प्रत्येक दिन डिग्गी पैलेस के आसपास तीन-चार किलोमीटर के दायरे में टोंक रोड जाम रहता है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुलिस ने अपनी आपत्तियों में इस बिंदु को भी प्रमुखता से शामिल किया है। वैन्यू के नजदीक ट्रोमा सेंटर और एसएमएस हॉस्पिटल होने के कारण जाम में अक्सर एंबुलेंस भी फंसी है। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार डिग्गी पैलेस में 50 वाहनों से अधिक र्पािकंग व्यवस्था नहीं है। लिट फेस्ट के दौरान टोंक रोड, अशोक मार्ग टी पॉइंट से लेकर पृथ्वीराज टी पॉइंट तक वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। टोंक रोड से हॉस्पिटल आने वाले गंभीर प्रकृति के मरीजों को समय पर ईलाज नहीं मिलना भी इस फेस्ट के कारण ही होता है।
…….तो डिग्गी पैलेस में इस साल आखिरी बार
पिछले महीने सरकार, पुलिस और आयोजकों की मिटिंग में अगले साल वैन्यू बदलने के निर्देश भी जारी हो गए हैं। छह जनवरी को पर्यटन विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों में आयोजकों को सीतापुरा स्थित जेईसीसी जैसे वैन्यू पर इस आयोजन की सलाह भी दी है, जो डिग्गी पैलेस से काफी बड़ा और र्र्पािकंग की सुविधा से युक्त हो। सरकार ने पुलिस कमिश्नर को संबंध में लिखित में सूचना भी सोंप दी है और इस आधार पर पुलिस ने डिग्गी पैलेस को इसी शर्त पर परमिशन दी है कि अगले साल उन्हें वैन्यू बदलना होगा।
आयोजक चाहते हैं हैरिटेज प्लेस
जेएलएफ के आयोजकों की मानें तो वे इस आयोजन को शहर की हैरिटेज जगहों पर करना चाह रहे हैं और इस संबंध में शहर के हैरिटेज फाइव स्टार होटल्स से संपर्क भी बनाने की कोशिश की, लेकिन सभी तरफ से निराशा ही हाथ लगी है। आयोजकों की टीम लगातार शहर में विभिन्न जगहों पर अगले साल के आयोजन को लेकर रैकी कर रही है।
पुलिस ने एक होटल की हां भरी, आयोजकों को पसंद नहीं आई
सूत्रों के मुताबिक आयोजकों को जेएलएन मार्ग स्थित एक होटल ने अपने यहां जेएलएफ के आयोजन की हां भरी है और पुलिस को भी इस होटल से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आयोजकों के सामने समस्या यह है कि उसे एक साथ जितने सेशन चलाने हैं, उतने सेशन यहां चलाना उनको मुश्किल लग रहा है।
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इनका कहना है
हम पिछले 10 साल से दूसरे वैन्यू के लिए सुझाव मांग रहे हैं। इस बार तो जेएलएफ डिग्गी पैलेस में ही होगा। संजोय रॉय, प्रोड्यूसर, जेएलएफ
……………………… हमने इसी शर्त पर इस बार परमिशन दी है कि अगले साल आयोजक दूसरे बड़े वैन्यू पर यह आयोजन करेंगे। पिछले छह महीनों से हम आयोजकों को इस विषय पर पत्र लिख रहे हैं। यह वैन्यू ऑडियंस के लिहाज से बहुत छोटा है, सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सुधारने को लेकर हमेशा दिक्कत आती है।
आनंद श्रीवास्तव, पुलिस कमिश्नर जयपुर
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पुलिस ने सेफ्टी के हिसाब से इस वैन्यू को सही नहीं माना है। यहां इमरजेंसी एक्जिट तक में बहुत दिक्कत आती है। अगले साल वैन्यू बदलने से संबंधित दिशा-निर्देश आयोजकों को और पुलिस कमिश्नर को दिया है।
डीबी गुप्ता, मुख्य सचिव