scriptमनी लॉन्ड्रिंग का ट्रांजेक्शन बताकर ठगों ने मां-बेटे को डराया, बैंक कर्मियों की सूझबूझ से 45 लाख की ठगी से बची महिला | Woman saved from fraud of Rs 45 lakh due to wisdom of bank employees | Patrika News
भिलाई

मनी लॉन्ड्रिंग का ट्रांजेक्शन बताकर ठगों ने मां-बेटे को डराया, बैंक कर्मियों की सूझबूझ से 45 लाख की ठगी से बची महिला

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: सीबीआई और मुंबई क्राइम ब्रांच की पुलिस बताकर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग से लेनदेन बताकर डराया और मां-बेटे को पांच घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा।

भिलाईDec 22, 2024 / 09:26 am

Khyati Parihar

Patrika Raksha Kavach Abhiyan
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: सीबीआई और मुंबई क्राइम ब्रांच की पुलिस बताकर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग से लेनदेन बताकर डराया और मां-बेटे को पांच घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इस कार्रवाई से बचने के लिए महिला से 45 लाख रुपए की मांग की। महिला बैंक पहुंची और उसने अपनी 39 लाख रुपए की एफडी तोड़ने के लिए आवेदन दिया और छह लाख रुपए खाते से निकाले। तभी बैंककर्मियों को शक हुआ। जिसके बाद बैंककर्मियों की सूझबूझ से महिला 45 रुपए की ठगी से बच गई।
मिली जानकारी के अनुसार रिसाली निवासी महिला के पति नहीं हैं। गुरुवार को सुबह करीब 9 बजे महिला के मोबाइल पर अनजान व्यक्ति ने कॉल किया। उसने कहा कि वह सीबीआई से बोल रहा है। एक दूसरे व्यक्ति ने उसके बेटे के मोबाइल पर कॉल किया और कहा कि मुंबई क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं।
दोनों की डिटेल बताते हुए डराने लगे कि उसके बैंक खाते से मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। गिरफ्तारी की धमकी देकर दोनों को अलग-अलग कमरे से बाहर जाने से मना कर दिया। बेटे के पर्सनल डिटेल और बैंक के डिटेल लिए तो उसके खाते में पैसे नहीं थे। जब उसकी मां का पर्सनल और बैंक डिटेल लिए तो 39 लाख के एफडी की जानकारी हुई। लगभग 6 लाख रुपए बैंक में जमा थे।

बैंक जाने तक डिजिटल अरेस्ट

महिला जब अधिकारियों के दबाव में आ गई, तब एफडी तोड़कर पैसे देने की बात की। तब ठगों ने उसे कहा कि वह बैंक चली जाए। वे लोग उसके संपर्क में रहेंगे। किसी से कोई बात नहीं करेगी। महिला डेढ़ बजे बैंक पहुंची। उसने 39 लाख रुपए का एफडी तुड़वा दी। इसके बाद करीब 6 लाख रुपए बैंक से निकाले और 45 लाख रुपए इकट्ठे किए।
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2 घंटे बाद बैंक कर्मी उसे समझा सके

मैनेजर ने बताया कि महिला के हावभाव से लग रहा था कि वह काफी डरी हुई है। जब उससे जमीन के बारे में पूछा गया, तब वह बोली कि सीबीआई के अधिकारी उसे और उसके बेटे को अरेस्ट कर लेंगे। इसलिए उन्हें 45 लाख रुपए देने हैं। तब कर्मियों ने उसे समझाया कि आप किसी को पैसे नहीं देंगे। आपके साथ साइबर ठगी हुई है। उनको विस्तार से साइबर ठगी के बारे में जानकारी दी गई।

महिला ने फिर कराई एफडी

बैंक मैनेजर ने बताया कि समझाने के बाद महिला ने रकम का फिर एफडी करवाई। पूरी रकम को बैंक में जमा की और घर आकर बेटे को पूरी बात बताई। दूसरे दिन बैक कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस तरह बैंक कर्मियों की सूझबूझ से वह साइबर ठगी से बच गई।

केस का टर्निंग पॉइंट

बैंक कर्मी: इतने रुपयों का आप क्या करेंगी?
महिला: बताती हूं… थोड़ा ठहरिए

(इस बीच महिला ने बाहर जाकर ठगों से बात की, फिर लौटी)
महिला: मुझे जमीन खरीदना है।

फार्म में महिला ने आईसीआईसीआई बैंक सिलचर असम का पता भरा
इसी से बैंककर्मी का शक पुख्ता हुआ कि महिला होकर असम में जमीन कैसे खरीद रही है।
साइबर ठग तरह-तरह के झांसा देते हैं। किसी के झांसे में नहीं आएं। पुलिस या कोई भी एजेंसी कभी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। जैसे ही कोई अज्ञात नंबर से कॉल करता है, उसे इंटरटेन ही न करें। साइबर ठगी से बचने का उपाय सिर्फ जागरुकता है। जनता से अपील है जागरुक रहें और इसे फ्रॉड कॉल के खिलाफ 1930 पर शिकायत दर्ज कराए। – जितेन्द्र शुक्ला, एसपी दुर्ग

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