कठोर और सख्त कानूनों के उपरांत भी नशीले पदार्थों का व्यापार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह है भ्रष्ट प्रशासन। अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने के लिए बड़े-बड़े अधिकारी भी इस तरह के पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा देते हैं और ऐसे लोगों का साथ देते है। यदि जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन सजगता से करना प्रारंभ कर दें, तो भविष्य में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले स्वत: ही कम होने प्रारंभ हो जाएंगे।
-अजिता शर्मा, उदयपुर
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नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए सबसे पहले एक टीम बनाई जाए, जो ऐसे मामलों में ईमानदारी से कार्रवाई करे। नशा करने वालें पर निगरानी रखी जाए। यह टीम पता करे कि नशीले पदार्थ बेचने वाले, नशीले पदार्थ कहां से लाते हैं। इससे नशा करने वालों और नशीले पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
-लालचंद शर्मा, डोबडी कलां, नागौर
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सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते पर ही मादक पदार्थों की तस्करी को रोका जा सकता है। इन पदार्थों की तस्करी करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की आज बहुत ज्यादा जरूरत है। तस्करी के खिलाफ बने कानूनों का सख्ती से पालन किया जाना भी जरूरी हो जाता है। पुलिस की उचित और उपयुक्त घेराबंदी से भी तस्करी पर लगाम लगाई जा सकती है।
-नरेश कानूनगो, देवास, मध्य प्रदेश.
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पुलिस विभाग की निष्क्रियता, अपराधियों को शह और भ्रष्ट सिस्टम की वजह से नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है। पुलिस विभाग में इच्छाशक्ति हो तो महज कुछ दिनों मे पूरे भारत में नशे की तस्करी बंद हो सकती है।
-समीर कुमार शुक्ला, बिलासपुर , छत्तीसगढ़
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प्रशासन व तस्करों की मिलीभगत के कारण नशीले पदार्थों के मामले प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। इन नशीले पदार्थों के कारण देश के किशोरों और महिलाओं में नशे की लत लग रही है। अगर प्रशासन अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाए व राजनीतिक हस्तक्षेप न हो तो तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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नशीले पदार्थों की तस्करी रोकना जरूरी है। इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। नुक्कड़ नाटकों, पर्चों, बैनर-पोस्टर के द्वारा लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। सभी कार्यालयों में गुटखा, तम्बाकू या अन्य प्रकार का नशा करने पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर
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सभी के लिए ब्लड जांच अनिवार्य कर नशा करने वालों की पहचान करनी चाहिए। नशा मुक्ति केंद्र की सहायता ली जानी चाहिए। नशीले पदार्थों के तस्करों के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान होना चाहिए
-महेन्द्र लूनीवाल, सीकर
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नशीले पदार्थों की तस्करी पुलिस प्रशासन व राजनीतिक दलों की मिलीभगत से हो रही है। सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए, ताकि नशीली पदार्थों पर अंकुश लग सके।।
-अनोप भाम्बु, जोधपुर
………………. जरूरी है जन जागरूकता
नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए जन जागरूकता जरूरी है। स्थानीय लोग जब तक इस अपराध के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक बड़े स्तर पर कार्रवाई होना मुश्किल है। पुलिस की तस्करों तक पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। तस्करी संबंधी कानून में कठोर सजा के प्रावधान किए जाएं।
– नगेंद्र चारण, जोधपुर
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देश के अलग- अलग हिस्सों में नशीले पदार्थों की जब्ती आज चिंता का विषय बनती जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अवैध कारोबार के खिलाफ सख्त कदम उठाए। साथ ही ऐसी सजगता समाज को भी दिखानी होगी।
-साजिद अली, इंदौर
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किसी भी समस्या को हल करने के लिए उसकी जड़ तक जाना अनिवार्य है। इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष चौकसी तो जरूरी है ही, वहां रहने वाले लोगों को भी जागरूक करना होगा।
-सुभाष धायल, बीकानेर