सक्सेस मंत्र- प्रयास करते रहिए रविशंकर ने टॉपर मंत्र देते हुए कहा कि पढ़ाई में एकाग्रता जरूरी है। इसके बिना आप सफल नहीं हो सकते। पीएससी की तैयारी में धैर्य बहुत जरूरी होता है। प्रयास करते रहिए, जरूर सफल होंगे।
सेकंड टॉपर बोलीं- सफलता का के्रडिट दिवंगत भैया को बिलासपुर निवासी सेकंड टॉपर मृणमयी शुक्ला तिवारी ने बताया ने बताया, यह मेरा छठवां प्रयास था। २०१८ में मेरी छठवीं रैंक आई और मेरा चयन अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी के तौर पर हुआ। पति निलय तिवारी सिम्स में मेडिकल ऑफिसर हैं। इंटरव्यू २० नवंबर को हुआ था। इसमें पूछा गया कि मैं जॉब क्यों स्वीच कर रहीं हैं, मैंने कहा कि फील्ड में जाना था। पीएमजीएसवाय का बजट पूछा गया। गांधीजी कब आए थे। नाम का अर्थ पूछा, तो मैंने कहा मिट्टी। उन्होंने मिट्टी के प्रकार पूछ लिए। इसके बाद शकुनि और मंथरा में अंतर पूछा। मेरा जवाब था कि शकुनि बदले की भावन से प्रेरित रहा और उसे कभी पश्चाताप नहीं हुआ जबकि मंथरा को पछतावा हुआ था।
बड़े भाई चल बसे लेकिन उनका सपना हुआ पूरा मृणमयी ने बताया, मेरे भैया एश्वर्य शुक्ला मेरे प्रेरणास्रोत रहे। हम सबने मिलकर यह सपना देखा था। दुर्भाग्य कहिए कि वे कोरोना में चल बसे लेकिन यह सफलता मैं उन्हें समर्पित करती हूं।
सक्सेस मंत्र- हार नहीं मानना मृणमयी ने सक्सेस मंत्र साझा करते हुए कहा कि कभी भी हार नहीं माननी है। धैर्य के साथ कड़ी मेहनत करनी है। खुद पर भरोसा बहुत जरूरी है। यह भरोसा आपको टूटने नहीं देता। मृणमयी ने अपनी सफलता का श्रेय ससुराल पक्ष को देेते हुए कहा कि मुझे कभी अहसास नहीं होने दिया गया कि मैं मायका छोड़कर ससुराल आई हूं।
मुंगेली जिले की किरण राजपूत को मिली चौथी रैंक मेरा दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में मैं प्री तक पहुंची थी। इंटरव्यू में मुझसे अचानकमार टाईगर रिजर्व के बारे में पूछा गया। पैरेंट्स किसान हैं। चूंकि सामान्य वर्ग में डीसी की तीन पोस्ट ही थी इसलिए मेरे डीसी बनने में संशय है। नहीं हो पाया तो मैं आगे कोशिश जारी रखूंगी। यह कहा पीएससी में चौथा रैंक हासिल करने वाली किरण राजपूत ने। किरण मुंगेली जिले के लोरमी निवासी है। उन्होंने बताया, मैंने मैथ्स लेकर बीएससी किया और ग्रेजुएशन होते ही पीएससी की तैयारी शुरू कर दी। मैंने दिन में पढ़ाई की, रात में समय पर सो जाया करती थी।
इंटरव्यू में पूछा- किस खिलाड़ी ने लगातार 6 छक्के जड़े पेंड्रा निवासी दिव्यांश चौहान को सातवीं रैंक मिली है। यह उनका तीसरा प्रयास था। पैरेंट्स टीचर हैं। ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया, इंटरव्यू में मुझे पूछा गया कि लगातार 6 छक्के किसने मारे हैं। ऐसे खिलाड़ी का नाम बताओ जो पहले बॉलर थे फिर बैट्समेन बने। इरान और इजराइल पर सवाल पूछे गए। इससे पहले मैंने दो एग्जाम दिया जिसमें मेरी रैंंक क्रमश: २२५ और १३८ रही। एक सवाल पर कहा, जिस विषय में नंबर कम आए थे, उस पर मेहनत की। पीएससी की तैयारी करने वालों से कहा, लगे रहिए, कभी न कभी सफलता मिल ही जाएगी।