राजस्थान, हरियाणा से आनेवाली गर्म हवाएं पैदा कर रहीं मुश्किलें
Rajasthan and Gujrat’s Hot and dry wind: आईएमडी के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने मीडिया से बताया, “दिल्ली में राजस्थान और हरियाणा से गर्म और शुष्क हवाएं आ रही हैं जिसके चलते यहां दिन और रात का तापमान सामान्य से ज्यादा रह रहा है। इन दोनों राज्यों से आनेवाली पश्चिमी हवाएं शुष्क हैं इसलिए हवा में आर्द्रता भी कम हो गई थी जिसके चलते शहर के ताप सूचकांक में लगातार वृद्धि हो रही है। मंगलवार को शहर का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस था।”
अधिकतम तापमान सामान्य से रह रहा है 9 डिग्री ज्यादा
Delhi’s Mungeshpur hit all time high temp: दिल्ली के ग्रामीण इलाकों मुंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़ के अलावा, पीतमपुरा, पूसा और जाफरपुर सहित शहर के कई इलाकों में भी मंगलवार को भीषण गर्मी दर्ज की गई। इन इलाकों का अधिकतम तापमान सामान्य से आठ से नौ डिग्री अधिक था।
गुड़गांव में 47 डिग्री सेल्सियस रहा तापमान
Gurugram and Noida record Temprature: राजधानी दिल्ली के आसपास के शहरों की स्थितियां कमोबेश वैसी हैं। गुड़गांव में मंगलवार को सीजन का सबसे अधिक तापमान 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस सीजन का तीसरा हीटवेव वाला दिन था। तापमान बढ़ने के साथ ही मंगलवार दोपहर करीब एक बजे फरीदाबाद के सूरजकुंड के पास अरावली के जंगलों में आग लग गई। निवासियों ने आरोप लगाया कि हालांकि अग्निशमन विभाग 30 मिनट के भीतर आग पर काबू पाने में कामयाब रहा लेकिन उससे पहले कई एकड़ जमीन पर लगे पेड़ पहले ही जल चुके थे। मंगलवार को नोएडा का तापमान 47.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कितने तापमान पर हीट स्ट्रोक का शुरू हो जाता है खतरा
डॉक्टरों का कहना है कि अगर तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो इससे लोगों को हीट स्ट्रोक होने का खतरा रहता है। इसे चिकित्साशास्त्र में आपात स्थिति कहा जाता है। हीटवेव के चलते शरीर के तापमान में वृद्धि होती है। शरीर का तापमान 104 डिग्री फ़ारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) से अधिक हो जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि हीट स्ट्रोक से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की शिथिल पड़ सकती है। जब शरीर का थर्मोरेगुलेटरी तंत्र विफल हो जाता है तो मनुष्य के शरीर का पानी खत्म हो जाता है। इसे निर्जलीकरण की स्थिति कहते हैं और यह एक चेतावनी है।
हीट स्ट्रोक से ब्रेन स्ट्रोक का भी हो सकता है खतरा!
डॉक्टरों का मानना यह है कि हीटवेव के चलते या किसी को हीट स्ट्रोक लगने की हालात में किसी को ब्रेन स्ट्रोक भी लग सकता है। खासकर यह तब और ज्यादा खतरनाक स्थिति बन सकती है जब किसी के शरीर में निर्जलीकरण की हालत पैदा हो जाए। शरीर में पानी नहीं होने की हालत में शरीर का रक्त गाढ़ा होने लग जाता है और शरीर में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकता है।