एआई मॉडल का जवाब भरोसेमंद नहीं
वर्तमान में कंपनियां भारतीय उपभोक्ताओं को ‘अंडर टेस्टिंग/ अनरिलायबल’ एआई सिस्टम या भाषा मॉडल की सेवाओं दे रही हैं। अब इसके लिए कंपनियों को सरकार से अनुमति लेनी होगी और उपभोक्ताओं को साफ तौर पर बताना होगा कि संबंधित एआई मॉडल का जवाब भरोसेमंद नहीं है। कंपनी बाद में आकर यह नहीं कह सकती कि ये तो अंडर-टेस्टिंग था।
सरकार ने यह एडवाइजरी गूगल, ओपनएआइ सहित सभी मध्यस्थ प्लेटफॉर्मों को जारी किया है। यह सलाह उन सभी प्लेटफार्मों पर भी लागू है जो उपयोगकर्ताओं को डीपफेक बनाने की अनुमति देते हैं। चन्द्रशेखर ने पुष्टि की कि इसमें एडोब भी शामिल है। कंपनियों को 15 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह एडवाइजरी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जारी की गई है ताकि गलत सूचना देकर चुनाव को प्रभावित नहीं किया जा सके। गौरतलब है कि हाल ही में एआइ के जेमिनी मॉडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक फासीवादी बताया था।
ओपनएआई को कॉपीराइट उल्लंघन का नोटिस दिया
न्ययॉर्क। डिजिटल समाचार कंपनी द इंटरसेप्ट, रॉ स्टोरी और अल्टरनेट ने एआइ चैटजीपीटी की कंपनी ओपनआई के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया है। इन कंपनियों का कहना है कि उनकी हजारों कहानियों का उपयोग ओपनएआई ने उपयोगकर्ताओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देने के लिए किया था। इस दौरान न तो किसी किसी प्रकार की अनुमति ली गई और न ही उन्हें भुगतान किया गया। इससे साफ है कि इस दौरान कॉपीराइट का उल्लंघन किया गया।
एलन मस्क ने ओपनएआई पर किया मुकदमा
सैन फ्रांसिस्र्को। एलन मस्क ने ओपनएआई और उसके सीईओ सैम ऑल्टमैन के खिलाफ सैन फ्रांसिस्को के एक कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। एलन मस्क ने सैम पर समझौते को तोड़ने और विश्वासघात का आरोप लगाया है। मस्क ने कहा कि ओपनएआई ने अपने टूल चैटजीपीटी से माइक्रोसॉफ्ट को अधिक फायदा पहुंचाया है, जबकि इससे इंसानियत को फायदा होना चाहिए। मस्क ने अपनी याचिका में कहा है कि ओपनएआई, अध्यक्ष ग्रेगरी ब्रॉकमैन, सीईओ सैम अल्टमैन और कंपनी में प्रमुख निवेशक माइक्रोसॉफ्ट को इस एआई टूल से होने वाले लाभ कमाने से रोका जाए।