अब स्थिति कैसी है
इसरो ने बताया कि “लैंडिंग के लगभग 60 घंटे बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं और सब कुछ बहुत अच्छे से काम कर रहा है। आगे भी गतिविधियां होती रहेंगी। यहां से हम सबकुछ देख पा रहे हैं। चंद्रमा पर वायुमंडल की अनुपस्थिति के कारण वस्तुएं कहीं से भी टकरा सकती हैं। इसके साथ ही, थर्मल समस्या और कम्यूनिकेशन ब्लैकआउट की समस्या भी है। लैंडर और रोवर में पांच वैज्ञानिक उपक्रम हैं जिन्हें लैंडर मॉड्यूल के भीतर रखा गया है। चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए रोवर की तैनाती चंद्र अभियानों में नई ऊंचाइयां हासिल करेगी।”