शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सोमवार को खराब मौसम के बीच भी डटे रहे। कुछ महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को भी साथ लेकर आईं हैं। वहीं, बॉर्डर पर मोबाइल व नेट बंद होने का भी किसानों ने समाधान निकाल लिया है। किसान नेताओं को अपने जत्थेबंदियों के लोगों से बात करने व उन्हें ढूंढ़ने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते सभी युवा जत्थेबंदियों के नेताओं को वॉकी-टॉकी से लैस किया गया है।
किसान आंदोलन किसी तरह से भटकने न पाए और अनियंत्रित न हो इसका समूचा प्रबंधन किया गया है। खानपान से लेकर अन्य सेवाओं के लिए भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। आंदोलन में शामिल एक युवा कहा कहना है कि सरकार ने संदेश भेजने से रोकने के लिए मोबाइल और नेट की सेवा बंद कर दी है। इसके कारण समस्याओं और बैठकों का संदेश एक साथ भेजने के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है।
शंभू बाॅर्डर पर किसानों का जत्था दूसरे प्रदेशों से भी पहुंच रहा है। चार दिन से बॉर्डर पर जमे हिमाचल प्रदेश के मंडी से पहुंचे किसान जगदीश ठाकुर ने बताया कि वह अपने पांच साथियों के आए हैं। किसानों की मांग का पूरा समर्थन कर रहे हैं। केंद्र सरकार कर रवैया किसानों के प्रति ठीक नहीं है। उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझकर उनसे दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है।
हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन के बीच शंभू बॉर्डर पर तैनात एएसआई कौशल कुमार की प्राकृतिक मौत हो गई है। वह हरियाणा पुलिस के एसपी कार्यालय के एकाउंट ब्रांच में तैनात था। कौशल कुमार का घर यमुनानगर के मुस्तफाबाद के पास के गांव का रहने वाला था। किसानों के आंदोलन में उसे तैनात किया गया था।
किसानों के कूच के ऐलान के बाद सुरक्षाबलों ने एक बार फिर से अपनी कमर कस ली है। अब किसान दिल्ली के लिए सुबह 11 बजे फिर से कूच करेंगे। उन्हें कूच और अप्रिय घटना से रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने अपनी मशीनों का परीक्षण कर लिया है। सुबह से उनकी सक्रियता फिर से देखने को मिल जाएगी। वहीं किसान भी इनकी तोड़ के लिए तमाम तकनीकों का प्रयोग करें।