प्रधानमंत्री गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेंगे। जीसीएमएमएफ के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान अहमदाबाद के मोटेरा स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 1.25 लाख से अधिक किसान भाग लेंगे। जीसीएमएमएफ सहकारी समितियों के लचीलेपन, उनकी उद्यमशीलता की भावना और किसानों के दृढ़ संकल्प का प्रमाण है, जिसने अमूल को दुनिया के सबसे मजबूत डेयरी ब्रांडों में से एक बना दिया है।
मोदी गुजरात में मेहसाणा और नवसारी में आयोजित दो सार्वजनिक कार्यक्रमों में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं में सड़क, रेल, ऊर्जा, स्वास्थ्य, इंटरनेट कनेक्टिविटी, शहरी विकास, जल आपूर्ति, पर्यटन, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, जनजातीय विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।तारभ, मेहसाणा में भारत नेट चरण- II – गुजरात फाइबर ग्रिड नेटवर्क लिमिटेड जो 8000 से अधिक ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराएगा।
वह यहां कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इनमें मेहसाणा और बनासकांठा जिलों में रेल लाइन दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, नई ब्रॉड-गेज लाइन के लिए कई परियोजनाएं, खेड़ा, गांधीनगर, अहमदाबाद और मेहसाणा में कई सड़क परियोजनाएं, गांधीनगर में गुजरात जैव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का मुख्य शैक्षणिक भवन और बनासकांठा में कई जल आपूर्ति परियोजनाएं शामिल हैं।
कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आनंद जिले में नए जिला स्तरीय अस्पताल और आयुर्वेदिक अस्पताल सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इसके अलावा अन्य परियोजनाओं में बनासकांठा में अंबाजी क्षेत्र में रिंछड़िया महादेव मंदिर और झील का विकास, गांधीनगर, अहमदाबाद, बनासकांठा और मेहसाणा में कई सड़क परियोजनाएं, वायु सेना स्टेशन, दीसा का रनवे, अहमदाबाद में मानव और जैविक विज्ञान गैलरी, गिफ्ट सिटी में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (जीबीआरसी) का नया भवन, गांधीनगर, अहमदाबाद और बनासकांठा सहित अन्य में जल आपूर्ति में सुधार के लिए कई परियोजनाएं शामिल हैं।
पीएम मोदी काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (केएपीएस) यूनिट 3 और यूनिट 4 में दो नए प्रेसराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 22,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा निर्मित केएपीएस-3 और केएपीएस-4 परियोजनाओं की संचयी क्षमता 1400 (700गुणा2) मेगावाट है और ये सबसे बड़े स्वदेशी पीएचडब्ल्यूआर है।
ये अपनी तरह के पहले रिएक्टर हैं जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रिएक्टरों की तुलना में उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से युक्त हैं। इसके साथ-साथ ये दोनों रिएक्टर प्रति वर्ष लगभग 10.4 बिलियन यूनिट स्वच्छ बिजली का उत्पादन करेंगे और गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव जैसे कई राज्यों के उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेंगे।