राजस्थान में कोटपूतली के पास छोटे से गांव दांतिल निवासी अजय अग्रवाल साधारण परिवार से हैं। अजय के पिता संतोष अग्रवाल कोटपूतली में ही दवा की दुकान हैं। माता मंजू देवी सामान्य गृहणी है। अजय ने बताया कि उन्होंने जयपुर में रहकर ही सीए फाइनल की तैयारी की। उनके बड़े भाई का मार्गदर्शन भी हमेशा मिलता रहा है। अजय को टॉपर बनने की प्रेरणा बड़े भाई से मिली, जिन्होंने पिछले साल ऑल इण्डिया टॉप किया था। सफलता के लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी है। सीए फाइनल की तैयारी के दौरान ही उनके मन में भाई की तरह आल इण्डिया टॉप करने की थी। इसके लिए कोचिंग के अलावा परिवार व मित्रों का पूरा सहयोग रहा। उन्होंने उन्होंने सफलता का श्रेय माता पिता व अपने बड़े भाई के अलावा कोचिंग संस्थान के गुरुजनों को दिया। इनके छोटे भाई सचिन भी सीए की तैयारी कर रहे हैं। पिता संतोष ने कहा कि उनका परिवार बेटे की इस उपलिब्ध पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इसने परिवार के अलावा क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
सफर में भी पढाई
अजय ने पढ़ाई के प्रति लगाव के बारे में बताया कि वे अपने तीनों भाइयों व मां के साथ जयपुर में एक कमरे में रहते थे। कोटपूतली से जयपुर आते व जाते समय बस में भी उनके हाथों में किताब रहती थी और उन्हें समय का पता ही नहीं लगता था कि बस में बैठने के बाद कब जयपुर आ गया। पढ़ाई के प्रति रुचि और परिवार के सहयोग से उन्हें यह सफलता मिली है।
एग्जाम के बाद वाट्सएप डाउनलोड
अजय का कहना है कि सोशल मीडिया का मतलब सिर्फ वाट्सऐप और फेसबुक नहीं है। यहां से आप काफी कुछ सीख भी सकते हैं। लेकिन सिर्फ सिखने तक ही सिमित रहें। पढाई के कामयाबी मिलने पर ही एंटरटेमेंट को हाथ लगाएं। अजय ने पढ़ाई के दौरान मोबाइल से दूरी बना ली थी। पढाई के दौरान किसी से भी व्यर्थ बात नहीं किया करता था। सोशल मीडिया पर समय खराब करना होता है। यूट्यूब पर बहुत से वीडियो और ऑनलाइन कोचिंग हैं जिनका सहारा लिया जा सकता है।
कोटपूतली से ही कृतिका ने भी न्यू सिलेबस में ऑल इंडिया 6वीं रैंक स्कोर हासिल किया है। कृतिका का कहना है कि रेगुलर स्टडी (Education) और पैशेंस से हर सफलता पाई जा सकती है। मैं हमेशा सोशल मीडिया से दूर रही और आज सीए फाइनल के रिजल्ट के बाद पहली बार वाट्सऐप इंस्टॉल किया है। स्टूडेंट्स दूसरे ऑथर्स को पढऩे की बजाय सिर्फ आइसीएआइ की ओर से जारी स्टडी मैटेरियल पर फोकस करें। डेली 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थी, वहीं एग्जाम टाइम में 15 घंटे तक पढ़ाई करती थी।