scriptMadrasa: इस राज्य के मदरसों में पढ़ाई जाएगी रामायण और संस्कृत, जानें पूरी खबर | Ramayana and Sanskrit will be taught in the madrasas of the Uttarakhand state | Patrika News
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Madrasa: इस राज्य के मदरसों में पढ़ाई जाएगी रामायण और संस्कृत, जानें पूरी खबर

Madrasa: इन मदरसों में सुबह के समय एनसीईआरटी आधारित सामान्य शिक्षा दी जाएगी, जिसमें विज्ञान…

नई दिल्लीJan 20, 2025 / 01:33 pm

Anurag Animesh

Uttarakhand Madrasa

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Madrasa: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने राज्य में पहला आधुनिक मदरसा स्थापित किया है, जहां एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के तहत मुख्यधारा की शिक्षा दी जाएगी। इस मदरसे में अरबी के साथ-साथ संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना जा सकेगा। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि “डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आधुनिक मदरसा” नामक इस संस्थान का निर्माण लगभग 50 लाख रुपये की लागत से किया गया है। अगले शैक्षणिक सत्र की शुरुआत मार्च में होगी। यह आधुनिक मदरसा देहरादून के रेलवे स्टेशन के पास मुस्लिम कॉलोनी में स्थित है। कॉलोनी के आसपास स्थित लगभग 10 पारंपरिक मदरसों में से इसे विशेष रूप से आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। इसमें स्मार्ट क्लासरूम, फर्नीचर, कंप्यूटर, और स्मार्ट बोर्ड जैसी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं।
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Madrasa: भगवान राम से संबंधित ग्रंथ को पढ़ाया जाएगा


इन मदरसों में सुबह के समय एनसीईआरटी आधारित सामान्य शिक्षा दी जाएगी, जिसमें विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन जैसे विषय शामिल होंगे। वहीं, शाम को धार्मिक शिक्षा दी जाएगी, जिसमें छात्र कुरान, पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं या भगवान राम से संबंधित ग्रंथों का अध्ययन कर सकेंगे। वक्फ बोर्ड छात्रों को मुफ्त शिक्षा, यूनिफॉर्म और किताबें भी प्रदान करेगा। वक्फ बोर्ड ने इस साल के अंत तक राज्य में 8-10 मदरसों का आधुनिकीकरण करने का लक्ष्य रखा है। छोटे मदरसों को एक केंद्रीय स्थान पर एकीकृत किया जाएगा, जिससे प्रबंधन को सुव्यवस्थित किया जा सके। वक्फ बोर्ड अपनी आय बढ़ाने के लिए खाली संपत्तियों का उपयोग भी करेगा।
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Uttarakhand Madrasa: शारीरिक प्रशिक्षण की भी दी जाएगी ट्रेनिंग


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्रों के शारीरिक स्वास्थ्य और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए भूतपूर्व सैन्यकर्मियों को शारीरिक प्रशिक्षण (पीटी) के लिए शिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही, संस्कृत शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी ताकि छात्रों को वैकल्पिक विषय के रूप में संस्कृत पढ़ने का मौका मिले।

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