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डिजिटल युग का उदय और गोल्ड लोन की प्रगति
केप्री ग्लोबल कॅपिटल के गोल्ड लोन, बिजनेस हेड रवीश गुप्ता का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में टेक्नोलॉजी और फाइनेंस के गठबंधन ने तेजी से आर्थिक सहायता पाने के लिए एक सुविधाजनक रास्ता तैयार किया है, जिसका नाम है गोल्ड लोन। यह बेहद सुविधाजनक तरीका है, जिसके जरिये लोग बिना किसी परेशानी के अपने घरों में आराम से बैठकर किसी भी प्रतिष्ठित नन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी या जाने-माने वित्तीय संस्थानों से फंडिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। टेक्नोलॉजी आधुनिकता की पहचान बन चुकी है और इसने भारत के गोल्ड लोन बाजार को बड़ी तेजी से आगे बढ़ाने में बेहद अहम भूमिका निभाई है।
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लगातार 13 फीसदी सीएजीआर से बढ़ोतरी
पिछले दशक में गोल्ड लोन देने वाले एनबीएफसी और बैंकों, दोनों के गोल्ड लोन एयूएम में लगातार 13 फीसदी सीएजीआर से बढ़ोतरी हुई है, जो डिजिटल बदलाव के दौर की वजह से ही संभव हो पाया है। बीते 5 सालों में 22 फीसदी सीएजीआर से अधिक तेज गति से विकास हुआ है, जबकि कोविड के बाद की अवधि (वित्त-वर्ष 20 से वित्त-वर्ष 23) में इसमें 27 फीसदी सीएजीआर से बढ़ोतरी हुई है। जबरदस्त गति से हो रही इस बढ़ोतरी का श्रेय लोगों के बीच बढ़ रही जागरूकता के साथ-साथ बड़े पैमाने पर हुए डिजिटल बदलावों को भी दिया जा सकता है, जिसने विभिन्न उद्योगों को प्रभावित किया है।
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आर्थिक जरूरतों का रामबाण इलाज
गुप्ता ने कहा कि आपने गोल्ड लोन लेने के लिए चाहे किसी बैंक या किसी एनबीएफसी को चुना हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि गोल्ड लोन के उपयोग पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं होती है और इसलिए यह एक बड़े कैनवस को उजागर करता है। आप इस बहु-उपयोगी वित्तीय साधन की मदद से बड़ी आसानी से अपने निजी अरमानों को पूरा कर सकते हैं, यानी शिक्षा अथवा शादी पर होने वाले खर्चों को सुविधाजनक तरीके से पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा, आप गोल्ड लोन के जरिये कार्यशील पूंजी को मजबूत करने या कारोबार को बढ़ाने जैसी व्यावसायिक जरूरतों को भी पूरा कर सकते हैं। गोल्ड लोन सही मायने में बहु-उपयोगी और बेहद कारगर साधन है, जिसने एक बेहतरीन वित्तीय समाधान के रूप में शानदार ढंग से अपनी पैठ बना ली है।
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भारत के गोल्ड लोन बाजार की बदलती स्थिति
समय बीतने के साथ-साथ भारत के गोल्ड लोन बाजार का ढांचा भी बड़ी बारीकी से विकसित हुआ है, जो दर्शाता है कि लोन लेने वाले लोगों और व्यवसायों की ओर से मांग में समान रूप से बढ़ोतरी हुई है। यह बदलाव पारंपरिक बैंकों और नई एनबीएफसी गोल्ड लोन कंपनियों, दोनों की ओर से प्रेरित है। इस क्षेत्र में महारत हासिल करने वाली एनबीएफसी ने गोल्ड लोन बाजार के दायरे को बढ़ाने में बेहद अहम भूमिका निभाई है। ऋण लेने के तरीके में एक बड़ा बदलाव दिखाई दे रहा है, क्योंकि लोग और व्यवसाय अब लोन देने वाले अनौपचारिक संस्थानों से हटकर स्थापित संस्थानों की ओर बढ़ रहे हैं। यह बदलाव वित्तीय समावेशन और पारदर्शिता की दिशा में हो रही प्रगति को दर्शाता है।
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वित्तीय समावेशन तक पहुंचने का सही रास्ता
गुप्ता का कहना है कि गोल्ड लोन वित्तीय समावेशन तक पहुंचने का सबसे बेहतर माध्यम है, जो अलग-अलग आर्थिक स्तरों के बीच संतुलन को बढ़ावा देता है। गोल्ड लोन के जरिए तुरंत और आसानी से फंड उपलब्ध होता है जो कम आमदनी वाले परिवारों के लिए बेहद सुविधाजनक है और यह उन्हें मुश्किल हालातों से निपटने में सक्षम बनाता है। मध्यम-आय वाले परिवारों के लिए भी गोल्ड लोन एक बड़ा सहारा है और इसलिए वे बिना किसी परेशानी के इसे अपने वित्तीय साधनों में शामिल करते हैं। यहां तक कि अमीर तबके के लोग भी गोल्ड लोन को विविधतापूर्ण निवेश के लिए सबसे बेहतर साधन मानते हैं। गोल्ड लोन बड़े शानदार ढंग से व्यक्ति को अपने गोल्ड एसेट्स के अंतर्निहित मूल्य का लाभ उठाते हुए अपने मौजूदा ऋण की रकम बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। यह तरीका सचमुच बड़ा इनोवेटिव है, जिसने आवेदन प्रक्रिया में बेवजह की जरूरतों को समाप्त करते हुए सुव्यवस्थित तरीके से लोन लेने के एक नए युग की शुरुआत की है। समझदारी से भरा यह तरीका, लोन लेने वाले लोगों को बहुत ज्यादा ब्याज के बिना सप्लीमेंट्री फंड का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
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असुरक्षित विकल्पों के विपरीत सबसे सुरक्षित
जब पर्सनल लोन जैसे असुरक्षित विकल्पों के साथ इसकी तुलना की जाती है, तो यह अंतर स्पष्ट तौर पर समझ में आता है। गोल्ड लोन, अपनी प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों के साथ वित्तीय समझदारी के आदर्श के रूप में उभरता है, जो बहुत अधिक ब्याज चुकाने के बोझ के बिना तुरंत नकद राशि हासिल करने का विवेकपूर्ण तरीका है। यह वित्तीय साधन न केवल आर्थिक रूप से व्यावहारिक है, बल्कि लोन लेने वालों को कई गुना अधिक आर्थिक आजादी भी देता है। संक्षेप में कहा जाए, तो सदियों से चली आ रही परिपाटी से लेकर आज के जमाने के फाइनेंशियल एसेट्स तक, गोल्ड लोन में बड़े पैमाने पर बदलाव आया है, जो भारत की आर्थिक छवि के भीतर उनकी बढ़ती अहमियत को दर्शाता है। आर्थिक रूप से हर तबका गतिशील विकास की ओर बढ़ रहा है, और गोल्ड लोन उन्हें एकजुट बनाने वाले एजेंट के तौर पर मजबूती से कायम है, जो विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में विविध जरूरतों को पूरा करता है।