मिशन 2022: ‘समाजवादी साइकिल यात्रा’ के बहाने योगी सरकार को घेरने की तैयारी
राजनीति में एट्री लेने के बाद अखिलेश यादव ने कन्नौज से बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी को करारी शिकस्त देकर जीत दर्ज की। उसके बाद 2004 और 2009 में भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। अखिलेश के जीवन में 2012 में मोड़ आया, उन्हें सूबे में सपा का नेता चुना गया। इसी साल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को जबरदस्त सफलता मिली और इसका श्रेय अखिलेश को गया। 15 मार्च, 2012 को अखिलेश ने सिर्फ 38 साल की उम्र में राज्य के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। तीन मई को उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। पांच मई को वह यूपी विधान परिषद के सदस्य बने।यूपी में विधानसभा चुनाव आने वाला है। सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। समाजवादी पार्टी भी सत्ता के सिंहासन पर काबिज होने की तैयारी कर रही है। सपा ने गुरुवार को जनेश्वर मिश्र की जयंती पर पूरे प्रदेश में साइकिल यात्रा निकाली जिसको नाम दिया समाजवादी साइकिल यात्रा।
अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी दफ्तर से साइकिल रैली निकाली। अखिलेश के साथ कार्यकर्ताओं का बड़ा हुजूम था। यह कारवां पार्टी कार्यालय से चलकर जनेश्वर मिश्र पार्क तक गया। पूरी यात्रा के दौरान सपा भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के बारे में लोगों को बताती रही।
यात्रा से पहले पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए सपा मुखिया ने महंगाई-बेरोजगारी और खेती-किसानी सहित तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बीजेपी झूठ बोलने में नंबर एक पार्टी है। वो हर मुद्दे पर झूठ पर झूठ बोल रही है। अखिलेश ने कहा कि जनता में नाराजगी है, सपा चुनाव में 400 सीटें जीत सकती है।
अखिलेश ने कहा कि सभी माफिया बीजेपी में हैं। सपा लगातार साइकिल यात्राएं निकालेगी। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल में समय और संसाधनों का दुरुपयोग करके लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपने कोर मुद्दों के अलावा जातिगत समीकरण साधने में जुट गई हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की कोशिश के तहत आज प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रही है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि लखनऊ में जो पार्क है, उसे बसपा सरकार ने बाबा साहेब डाक्टर भीमराव आम्बेडकर के नाम पर बनाया था, मगर सपा सरकार ने जातिवादी सोच एवं द्वेष के कारण इसका नाम भी नए जिलों आदि की तरह बदल दिया, यह कैसा सम्मान?