कॉलेज के इंचार्ज हितेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय की लाइब्रेरी में लिब्सॉफ्ट लाइब्रेरी मैनेजमेंट का सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया है। इसमें करीब 23 हजार से अधिक किताबों की एंट्री कर दी गई है। प्रत्येक किताब पर दो-दो बार कोड स्टीकर लगाए गए हैं। इससे किताबों को विद्यार्थियों को जारी करने के लिए बार कोड को स्कैन करते ही किताब का नाम, लेखक, प्रकाशन, लोकेशन व अन्य जानकारी सामने आ जाएगी। हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में से किसी में भी किताब को सर्च करने पर सॉफ्टवेयर छात्रों को मोबाइल पर एसएमएस भेजेगा।
2 हजार बुक्स को किया जाएगा राइटऑफ
कॉलेज इंचार्ज ने बताया कि लाइब्रेरी में ओल्ड बुक्स भी हैं। यहां 8 हजार पुरानी पुस्तकें हैं। इनमें से 2 हजार को अलग से रखा जाएगा। जब डिमांड होगी, तब दिया जाएगा। लाइब्रेरियन सुनील कुमार ने बताया कि लाइब्रेरी में हिन्दी, अंग्रेजी व कॉमर्स की पुस्तकें है। हिस्ट्री में महापुरुषों से लेकर पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम समेत अन्य लेखकों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। कॉलेज में पहले संचालित बीबीए की बुक्स भी हैं। हालांकि वर्तमान में कॉलेज में बीबीए कोर्स संचालित नहीं है।
विद्यार्थियों को मिलेगा मास्टर कार्ड
लाइब्रेरियन ने बताया कि छात्रों को आई कार्ड, लाइब्रेरी कार्ड, बुक इश्यू कार्ड की जगह एक ही कार्ड यानी मास्टर कार्ड जारी किया जाएगा। छात्र लाइब्रेरी में आएंगे तो विजिटर रजिस्टर में एंट्री बार कोड से होगी। नोड्यूज, भौतिक सत्यापन, मैम्बर हिस्ट्री, बुक हिस्ट्री व अन्य कार्य सॉफ्टवेयर से करना आसान होगा। ऑटोमेशन करना छात्रों के लिए सुविधाजनक रहेगा। बता दें कि जेडीबी व गर्वमेंट कॉलेज की लाइब्रेरी पहले से ऑटोमेशन हो चुकी है।