सिद्धार्थ कौल ने कहा, “अगर आप मेरा 9-10 सालों का ग्राफ देखेंगे तो, मैंने सभी प्रारूपों में अच्छा किया है। तो मुझे लगता था कि यह छोड़ने का सही समय था। उम्मीद है मैं आगे बढूंगा जो भी मौक़ा मिले चाहे काउंटी क्रिकेट (इन गर्मियों में वह नॉर्थैंप्टनशायर के लिए तीन डिवीजन 2 चैंपियनशिप मैच खेले, जहां उन्होंने 29.84 की औसत से 13 विकेट लिए), हो या लीजेंड लीग हो, एमएलसी हो या और कुछ भी। अगर मुझे अवसर मिलता है तो मैं यहां खेलना चाहता हूं।”
कौल ने भारत के लिए जून 2018 से फरवरी 2019 के बीच तीन टी-20 और तीन वनडे मैच खेले। उन्होंने वर्ष 2023-24 सत्र में पंजाब को पहली सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जिताने में मदद की थी। उन्होंने 10 मैच में 16 विकेट लिए थे और वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। विजय हजारे ट्रॉफी में भी उन्होंने पंजाब के लिए सबसे अधिक छह मैचों में 19 विकेट लिए।
हाल में कौल पंजाब के लिए रणजी ट्रॉफी 2024-25 सत्र के पहला चरण खेले थे, जहां वह दो मैचों में कोई विकेट नहीं ले पाए थे। 17 सालों के उनके करियर में उनके नाम 88 प्रथम श्रेणी मैचों में 26.77 की औसत से 297 विकेट हैं। इसके अलावा लिस्ट में उन्होंने 24.30 की औसत से 199 विकेट और टी-20 में 7.67 की इकॉनमी से 182 विकेट हैं। वह विजय हजारे (155 विकेट) और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (120) में पंजाब के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
कौल ने 17 साल की उम्र में पंजाब के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था और एक साल बाद वह तब सुर्खियों में आए जब वह विराट कोहली की अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे। हालांकि कई कमर की चोट की वजह से वह पांच सालों तक उन्हें पीछे कर दिया। दिसंबर 2007 से फरवरी 2012 के बीच कौल सभी प्रारूपों में केवल छह घरेलू मैच खेल पाए।
2018 के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद उनको आयरलैंड दौरे पर टी-20 कैप मिली। 2017 में उन्होंने 10 मैचों में 16 विकेट, 2018 में उन्होंने हैदराबाद के लिए संयुक्त रूप से सबसे अधिक 21 विकेट लिए। वह एसआरएच के अलावा दिल्ली डेयरडेविल्स, कोलकाता नाइटराइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए भी खेले।