200 मिली से कम की पानी की पीइटी-पीइटीइ बोतल्स, पानी के पाउच, हैंडल व बगैर हैंडल की प्लास्टिक बैग्स, सिंगल यूज डिस्पोजल, थर्माकोल की डिश, चम्मच, कप, प्लेट्स, गिलास, बाउल्स, पैंकिंग बाउल्स, स्ट्रा, डेकोरशन की प्लास्टिक व थर्माकॉल सहित अन्य।
200 मिली से ज्यादा पानी की पीइटी-पीइटीइ बोतल्स, स्पेशल इकानॉमिक जोन व एक्सपोर्ट ओरिएंटेट यूनिट्स में प्लास्टिक व बैग्स बन सकेंगे, 50 माइक्रोन से अधिक थिकनैस व कम से कम 20 फीसदी रिसाइकिल होने वाले, कम्पोस्टेबल प्लास्टिक बैग नर्सरी प्लांट के लिए, पेपर आधारित कट्न्र्स पर पॉलीथिन की एक लेयर, 50 माइक्रोन से अधिक दूध पैकेट, चिप्स, शैम्पो, ऑइल, चॉकलेट की रिसाइकेबल मल्टीलेयरड प्लास्टिक, घरेलू उपयोग के सामान में, रिसाइकेबल प्लास्टिक स्टेशनरी, अनाज को ढंकने वाली तिरपाल।
5000 रुपए पहली बार पाए जाने पर
10000 रुपए दूसरी बार पाए जाने पर
25000 रुपए तीसरी बार पाए जाने पर, तीन महीने की सजा फैक्ट फाइल…
22000 से ज्यादा दुकानें हैं जिले में
01 दर्जन थोक विक्रेता पॉलीथिन के
80 हजार रुपए का रोजाना कारोबार
16 खेरची विक्रेता पॉलीथिन के
10000 से ज्यादा दुकान शहर में
भारत सरकार के आवासन और शहरी मंत्रालय द्वारा इस महीने से 2 अक्टूबर तक के लिए स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत फर्क पड़ेगा… स्लोगन के साथ जागरुकता किए जाने के प्रयास होंगे। इसके तहत…
फर्क पड़ेगा…
– पर्यटन स्थलों पर बिना प्लास्टिक के घूमने जाएंगे तभी तो…
– बाहर चाय बिना प्लास्टिक के कप में पिएंगे तभी तो…
– शॉपिंग बिना प्लास्टिक के थैले के साथ करेंगे तभी तो…
– पवित्र नदियों में प्लास्टिक नहीं डालेंगे तभी तो…
– अपने बच्चों को प्लास्टिक के नुकसान बताएंगे तभी तो…
– जन्मदिन व शादियों पर प्लास्टिक के गुब्बारे नहीं लगाएंगे तभी तो…फर्क पड़ेगा।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती होने जा रही है। इससे पहले 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक हम जागरुकता के लिए अभियान चलाएंगे। प्रयास करने से ही फर्क पड़ेगा।
मो. शाहीन खान, प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी, ननि