अब 20 नवंबर तक आवेदन- राज्य सरकार ने सफाई कर्मियों की भर्ती को लेकर आवेदन की तिथि बढ़ाकर अब 20 नवंबर तक कर दी है। पहले आवेदन की अंतिम तिथि 6 नवंबर थी। आवेदन में त्रुटि होने पर 21 नवंबर से पांच दिसबर तक संशोधन किया जा सकेगा। स्वायत्त शासन विभाग ने संशोधन आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश के निकायों में 23 हजार 820 पद पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती होनी हैं।
पहले एक साल का अनुभव,अब दो साल का- पिछली सरकार के समय हुई भर्ती में सफाई कर्मचारियों के दो साल के अनुभव के नियम में बदलाव किया गया। अब सरकार ने एक साल के अनुभव को बढ़ाकर फिर से दो साल किया है। सफाई कर्मचारी संगठनों की ओर से विभिन्न कार्यालयों में सेवा देने वाले कर्मचारियों के अनुभव प्रमाण-पत्र को मान्य करने की मांग उठने लगी है। सफाई कर्मचारियों की भर्ती के पैटर्न में कई बार बदलाव हो चुका है। कभी परीक्षा तो कभी साक्षात्कार की घोषणा हुई। अब सरकार ने लॉटरी के जरिए भर्ती कराने का ऐलान किया है
फैक्ट फाइल -सफाई कर्मचारियों के कितने पद पर भर्ती – 23820 – गैर अनुसूचित क्षेत्र के पद- 23390 -अनुसूचित क्षेत्र के पद- 430 झालावाड़ जिले में इतने है पद
झालावाड़ नगर परिषद में पद- 80 झालरापाटन नगर पालिका में पद-10 भवानीमंडी नगरपालिका में पद-33 अकलेरा नगर पालिका में पद- 33 पिड़ावा नगर पालिका में पद- 28
पिछली बार 9 लाख से ज्यादा आवेदन- पिछली सरकार के समय लगभग 24 हजार पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती होनी थी। सरकार ने कई नियमों की वजह से इस भर्ती को स्थगित कर दिया था। इस भर्ती के लिए लगभग नौ लाख से अधिक बेरोजगारों ने आवेदन किए थे। इस बार फिर से सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकाली है, ऐसे में आवेदन इस बार भी पिछली बार से ज्यादा ही आने की उम्मीद है।
सफाई कर्मचारी नाकाफी- प्रदेश की नगर निकायों में आबादी के हिसाब से सफाई कर्मचारी नाकाफी हैं। सफाई कर्मचारी भर्ती के जरिए स्थायी नौकरी का इंतजार करने वाले लोगों ने बताया कि दस साल से इस भर्ती का इंतजार है। नियमित भर्ती नहीं होने की वजह से संविदा के सहारे काम करना पड़ रहा है। इससे उन्हें दोहरी परेशानी उठानी पड़ रही है।झालावाड़ जिले की आबादी 16 लाख से अधिक है, उसके हिसाब से जिले में कम से कम ढ़ाई हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती होनी चाहिए थी, जबकि जिले की पांचों नगर निकायों में 187 ही पदों पर भर्ती निकाली गई है।
इसलिए आ रही परेशानी- आवेदन करने वाले कई युवाओं ने बताया कि उन्होनेशहर में लंबे समय तक पहले सफाई की है। लेकिन ठेकेदार द्वारा उन्हे किसी तरह का प्रमाण- पत्र आदि नहीं दिए है। पहले पीएफ नंबर नहीं होते थे, वेतन भी बैंक में नहीं आता था, मासिक 1500 से 2000 रूपए दिए जाते थे। लेकिन उसका भी अब कोई रेकॉड संधारित नहीं है। इसके चलते उन्हे अनुभव प्रमाण- पत्र नहीं मिल पा रहा है। जबकि उन्होने लंबे समय तक सफाई शाखा में काम किया है।
भर्ती में संख्या बढ़ाना चाहिए- सफाई का काम परम्परागत रूप से वाल्मीकी समाज के लोग करते आ रहे हैं। उनका जीवन यापन सफाई कार्य से ही होता है। ऐसे में जिस भी व्यक्ति ने नगरीय निकायों में सफाई का काम किया है, उनका अनुभव प्रमाण पत्र बनना चाहिए। इसके लिए पूरे प्रदेश में धरने प्रदर्शन हो रहे है। प्रदेश में निकाली गई सफाई कर्मचारियों की भर्ती में झालावाड़ जिले में बहुत कम पद दिए है। जिले में झालावाड़ नगर परिषद में 500 सफाई कर्मचारियों के साथ अन्य चारों जगह दो-दो सौ सफाई कर्मचारियों के पदों पर भर्ती करनी चाहिए। ताकि देश में जिला सफाई में नंबर आ सके।
रवि संगत, पूर्व सदस्य, राज्य सफाई आयोग,राजस्थान। जिनका रेकॉर्ड उनका प्रमाण पत्र बना रहे हैं जिस ठेकेदार के अधीन सफाई कर्मचारी ने काम किया है। पूरे रेकॉर्ड व पीएफ, ईएसआई आदि के दस्तावेज के आधार पर प्रमाण-पत्र जारी होगा। जिनके पास उपस्थिति रजिस्टर या पीएफ कटा हुआ हो या बैंक की डायरी व वर्क ऑर्डर होना चाहिए। जिनके पास ये सब है उनके अनुभव प्रमाण-पत्र बना रहे हैं। कुछ लोगों ने ड्राईवर के पद पर काम किया वो भी सफाई कर्मी का अनुभव मांग रहे है तो वो कैसे देंगे।
नरेन्द्र कुमार मीणा, आयुक्त नगर परिषद,झालावाड़।