script‘इतने कांटे चुभे कि तलवे मेरे छलनी हो गये’, भाई की हार के बाद किरोड़ीलाल मीणा का फिर छलका दर्द | dausa by election result after brother jagmohan meena defeat kirori lal meena again felt pain | Patrika News
जयपुर

‘इतने कांटे चुभे कि तलवे मेरे छलनी हो गये’, भाई की हार के बाद किरोड़ीलाल मीणा का फिर छलका दर्द

Rajasthan Politics: दौसा विधानसभा उपचुनाव में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई और भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीणा की हार के बाद घमासान मचा हुआ है।

जयपुरNov 28, 2024 / 05:13 pm

Nirmal Pareek

Rajasthan Politics: दौसा विधानसभा उपचुनाव में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई और भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीणा की हार के बाद घमासान मचा हुआ है। क्योंकि रह-रहकर उनके भाई किरोड़ी लाल मीणा का दर्द सामने आ रहा है। किरोड़ी लाल ने गुरुवार को फिर से सोशल मीडिया के जरिए अपना दर्द व्यक्त किया है। उन्होंने इस बार एक शायरी शेयर करते हुए कहा है कि सूरज मुझसे आंख मिलाते घबराता है, चांद सितारों की औकात है क्या?
बताते चलें कि इससे पहले भी उपचुनाव परिणाम के दिन किरोड़ी लाल मीणा ने इशारों में अपना दर्द बयां किया था। उन्होंने कहा था कि गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है। किरोड़ी लाल ने दौसा चुनाव में भितरघात करने वाले नेताओं को मेघनाथ भी बताया था। कहा था कि लोगों ने मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर शक्ति का बाण चला डाला।
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किरोड़ी लाल ने शेयर की ये शायरी-

सूरज मुझसे आंख मिलाते घबराता है, चांद सितारों की औकात है क्या ?

खेला हूं मैं सदा आग से, अंगारों के गांव में। मैं पलता-फलता आया जहरीली फुफकारों की छांव में। इतने कांटे चुभे कि तलवे मेरे छलनी हो गये, चलने का है जोश भला, फिर भी मेरे पावों में
बहुत है बढिया कि मुझे मार दे, नहीं मौत में दम इतना। कब्र-मजारों की औकात है क्या? सूरज मुझसे आंख मिलाते घबराता है, चांद सितारों की औकात है क्या?

पहले इस तरह छलका था दर्द

मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने अपने भाई जगमोहन मीणा की हार के बाद अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा था कि मुझे 45 साल हो गए। राजनीति के सफर के दौरान सभी वर्गों के लिए संघर्ष किया। जनहित में सैंकड़ों आंदोलन किए। साहस से लड़ा। बदले में पुलिस के हाथों अनगिनत चोटें खाईं। आज भी बदरा घिरते हैं तो समूचा बदन कराह उठता है। मीसा से लेकर जनता की खातिर दर्जनों बार जेल की सलाखों के पीछे रहा।
इसी मजबूत नींव और सशक्त धरातल के बूते दौसा का उपचुनाव लड़ा। जनता के आगे संघर्ष की दास्तां रखी। घर घर जाकर वोटों की भीख भी मांगी। फिर भी कुछ लोगों का दिल नहीं पसीजा। भितरघाती मेरे सीने में वाणों की वर्षा कर देते तो मैं दर्द को सीने में दबा सारी बातों को दफन कर देता लेकिन उन्होंने मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर शक्ति का बाण चला डाला।
साढ़े चार दशक के संघर्ष से न तो हताश हूं और न ही निराश। पराजय ने मुझे सबक अवश्य सिखाया है लेकिन विचलित नहीं हूं। आगे भी संघर्ष के इसी पथ पर बढते रहने के लिए कृतसंकल्प हूं। गरीब, मजदूर, किसान और हरेक दुखिया की सेवा के व्रत को कभी नहीं छोड सकता परन्तु ह्रदय में एक पीड़ा अवश्य है। यह बहुत गहरी भी है और पल-प्रति-पल सताने वाली भी।

दौसा उपचुनाव में हारी बीजेपी

बता दें, दौसा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस के डीसी बैरवा ने 2300 वोटों से जीत हासिल की है। उन्होंने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को हराया है। इस उपचुनाव में कांग्रेस के डीसी बैरवा को 75536 और बीजेपी के जगमोहन मीणा को 73236 वोट मिले हैं।

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