हाल ही में जारी किए गए ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक देश में मोबाइल उपभोक्तओं की संख्य घटकर 116.18 करोड़ के स्तर पर आ गई है। गत फरवरी माह की तुलना में यह 2.18 करोड़ कम है। टेली-डेन्सिटी यानी फोन घनत्व की बात करे तो गत मार्च माह में यह 90.11 के स्तर पर आ गया है जोकि फरवरी माह में 91.63 रहा था।
आरएस शर्मा ने मोबाइल उपभोक्तओं में आई इस कमी को देखते हुए कहा कि इस तरह के उतार-चढ़ाव के कई कारण होते हैं। इनमें से कुछ कारण यह है कि टेलिकॉप ऑपरेटर्स ने कनेक्शंस को सक्रिय रखने के लिए मासिक न्यूनतम रिचार्ज शुरू कर दिया है। ऐसे में कई कनेक्शंस हट गए है जो सक्रिय नहीं थे। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कहा कि इससे कोई चिंता की बात नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या ट्राई इस मामले में हस्तक्षेप करेगा तो उन्होंने जवाब दिया कि हस्तक्षेप करने का सवाल ही नहीं पैदा होता। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा जिस तरह से डेटा सेवाओं को इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे कहा जा सकता है कि बाजार ठहरेगा नहीं।
कम हुई वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल के ग्राहकों की संख्या
टेलिकॉम नियामक द्वारा जारी किए गए इस आकंड़ों के मुताबिक, फरवरी माह की तुलना में मार्च माह के अंत में वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल के मोबाइल उपभोक्तओं की संख्य में क्रमश: 1.45 करोड़ और 1.51 करोड़ की कमी देखने को मिली है। इस दौरान रिलायंस जियो ने कुल 94 लाख ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा है। एक बार फिर बता दें कि मार्च माह के अंत तक देश में कुल मोबाइल ग्राहकों की संख्या घटकर 116.18 करोड़ हो गई है जोकि फरवरी माह के अंत में 118.36 करोड़ रही थी।