अर्थशास्त्र के क्षेत्र में होगा पहला पुरस्कार
यदि रघुराम राजन का नाम इस बार के प्रस्तावित नामों में शामिल होता है तो ऐसा पहली बार होगा की किसी भारतीय को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार मिलेगा। इसके पहले दूसरे क्षेत्रोंं मे कई भारतीयों का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। क्लैरिवेट एनालिटिक्स ने अपने सूची में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कोलिन कैमरर, कार्निज मेलन यूनिवर्सिटी के जॉर्ज लोविंस्टन, स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी के रॉबर्ट हॉल, और हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के माइकल जेनसन का नाम है। कार्निज मेलन ने व्यवहारिक अर्थशास्त्र और न्यूरोइकोनॉमिक्स के लिए अभूतपूर्व काम किया है।
दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है नोबेल
अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार को अल्फ्रेड नोबेल की याद में स्वीरेज रिक्सबैंक पुरस्कार के नाम से जाना जाता था जो कि 1968 में शुरूआत हुआ था। इस पुरस्कार के तहत मिलने वाला मेडल और कैश प्राइज 78 लोगों को मिल चुका है। ये पुरस्कार 1895 द्वारा स्थापित मूल नोबेल पुरस्कारों में से नहीं था और पहली बार 1901 में किसी को पुरस्कृत किया गया था। बता दें की नोबेल पुरस्कार के नामांकित सदस्यों का नाम पिछले 50 सालों से गोपनीय रखा जाता है। पिछले सालों मे ये पुरस्कार जीतने वाले लोगों का औसत उम्र 67 साल है। एक साल में एक से अधिक लोगों को संयुक्त रूप से भी ये पुरस्कार दिया जाता है। अभी तक केवल एक ही महिला, इंडियाना विश्वविद्यालय की एलिनॉर ओस्ट्रॉम साल 2009 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला है। 2012 में उनका देहांत हो गया। पिछले कुछ वर्षों मेंं जिन क्षेत्रों मे सबसे ज्यादा पुरस्कार मिला है वो मैक्रोइकोनॉमिक्स, इकोनोमेट्रिक्स, फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स और गेम थ्योरी है।
पिछले तीन सालों मे किसको मिला अर्थशास्त्र मे नोबेल पुरस्कार
पिछले साल हार्वर्ड विश्वविद्यालय के ओलिवर हार्ट को और मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बेंग्ट हॉल्मस्ट्रॉम को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिला था। इसके पहले 2015 में पॉवर्टी और इनइक्वैलिटी पर रिसर्च के लिए प्रिंस्टन यूनिविर्सिटी के एंग्स डिटॉन को मिला था। वर्ष 2014 में मार्केट पावर और रेग्यूलेशन पर रिसर्च करने के लिए टूलाउस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के जीन टाइरोल को मिला था।