आरबीआई का बयान जनता को आगाह किया गया (RBI Statement)
RBI ने मंगलवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से जनता को इस फर्जी वीडियो से सतर्क रहने की अपील की। पोस्ट में कहा गया, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संज्ञान में आया है कि गवर्नर के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित किए जा रहे हैं। इसमें आरबीआई की ओर से कुछ निवेश योजनाओं को शुरू करने या समर्थन करने का दावा किया गया है। ये भी पढ़े:- MOFSL ने बताया किसकी लीडरशिप है बेस्ट, ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने दी ‘न्यूट्रल’ रेटिंग क्या है मामला?
डीपफेक एक उन्नत तकनीक है, जिसमें वीडियो और ऑडियो को इतनी कुशलता से मॉडिफाई किया जाता है कि यह असली जैसा दिखता है। इस तकनीक का इस्तेमाल कर शक्तिकांत दास की छवि और आवाज में छेड़छाड़ की गई है। इस फर्जी वीडियो में लोगों को कुछ निवेश योजनाओं में पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। आरबीआई (RBI) ने स्पष्ट किया है कि यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी है और इसका उद्देश्य लोगों को गुमराह कर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम देना है।
आरबीआई ने क्या कहा?
आरबीआई ने अपने बयान में कहा, आरबीआई स्पष्ट करता है कि उसके अधिकारी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हैं या उसका समर्थन नहीं करते हैं। ये वीडियो पूरी तरह से फर्जी हैं। आरबीआई (RBI) कभी भी कोई वित्तीय निवेश सलाह नहीं देता है। इसके साथ ही आरबीआई ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर प्रसारित इस तरह के डीपफेक वीडियो को लेकर सतर्क रहें और ऐसे झूठे दावों पर विश्वास न करें।
सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़ा बढ़ा, कैसे रहें सुरक्षित?
हाल के वर्षों में डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल वित्तीय धोखाधड़ी के लिए तेजी से बढ़ा है। इस तकनीक के जरिए आम जनता को गुमराह कर उनसे पैसा ऐंठने की कोशिशें की जा रही हैं। आरबीआई (RBI) ने जनता को सलाह दी है कि किसी भी वित्तीय निवेश से पहले हमेशा प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें। किसी अज्ञात या संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी वीडियो की प्रामाणिकता की जांच करें। ये भी पढ़े:- G20: भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट G20 में सबसे आगे, अमेरिका, रूस और चीन को पछाड़ा डीपफेक और साइबर अपराध बढ़ती चुनौती
डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल केवल वित्तीय धोखाधड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका दुरुपयोग राजनैतिक प्रचार, अफवाह फैलाने और व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए भी किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीक की इस चुनौती से निपटने के लिए जागरूकता और साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना बेहद जरूरी है।
आरबीआई की अपील कहा जिम्मेदार नागरिक बने
आरबीआई ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें इस तरह का कोई संदिग्ध वीडियो या जानकारी मिले तो वे इसे तुरंत आरबीआई (RBI) या साइबर क्राइम विभाग को सूचित करें।