ऑटो और रियल्टी चमके, मेटल्स में गिरावट (Share Market Today)
एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, निफ्टी ऑटो, मीडिया, रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ने सबसे अधिक मजबूती दिखाई। इन सेक्टर्स में तेजी के चलते बाजार (Share Market Today) को सहारा मिला। हालांकि, मेटल, पीएसयू बैंक और ऑयल एंड गैस सेक्टर्स में गिरावट (Share Market Today) का रुख देखने को मिला। विशेषज्ञों का मानना है कि मिड और स्मॉलकैप शेयरों में कमजोरी का दौर जारी रह सकता है। जानकारों ने सलाह दी है कि निवेशक जल्दबाजी में इन शेयरों की खरीदारी से बचें क्योंकि इनमें और गिरावट की संभावना है।मुनाफावसूली बनी तेजी में रुकावट
मंगलवार को कारोबार के दौरान बाजार एक समय पर 1% से अधिक की तेजी में था। हालांकि, ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली के चलते बाजार ने कुछ बढ़त गंवा दी। यह मुनाफावसूली दर्शाती है कि निवेशक अभी भी सतर्क रुख अपना रहे हैं।बाजार की मौजूदा स्थिति पर विशेषज्ञों की राय
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, हाल के बाजार रुझानों से स्पष्ट है कि त्वरित और तेज रिकवरी की संभावना कम है। एफआईआई की लगातार बिकवाली और वित्त वर्ष 2025 में आय बढ़ोतरी को लेकर बनी आशंकाओं के चलते शेयर बाजार (Share Market Today) के समेकित रहने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में बाजार की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या डेटा से आय सुधार के संकेत मिलते हैं।गिरावट के कारण महंगाई और कमजोर नतीजे
बीते सात सत्रों की गिरावट के पीछे कई कारण हैं। इनमें मुख्य हैं।दूसरी तिमाही के कमजोर परिणाम: कई कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे।
एफआईआई की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर बिकवाली की।
महंगाई का दबाव: थोक और खुदरा महंगाई में वृद्धि ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह
मिड और स्मॉलकैप शेयरों में कमजोरी के चलते विशेषज्ञ निवेशकों को जल्दबाजी में निवेश से बचने की सलाह दे रहे हैं। बाजार के मौजूदा हालात में सतर्कता से निर्णय लेना बेहद जरूरी है।बाजार की आगे की राह
बाजार में तेजी का स्थायी रुख तभी बन सकता है जबविदेशी निवेशकों की बिकवाली रुक जाए।
कंपनियों के आय परिणामों में सुधार दिखे।
महंगाई पर नियंत्रण पाया जाए। मौजूदा समय में बाजार के साइडवेज मूवमेंट (स्थिरता) के साथ बने रहने की संभावना है। हालांकि, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह अवसर हो सकता है क्योंकि कुछ सेक्टर्स में सुधार दिख रहा है।