यह भी पढ़ें – जानिए जेट एयरवेज जैसे संकट से बचने के लिए आपको एक कर्मचारी के तौर क्या करना चाहिए?
कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स से मिली मदद
प्रक्रिया पूरी करने वाली तीन कंपनियों की बात करें तो इन तीनों कंपनियों के कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने बिडर्स को चुन लिया है। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने रुचि सोया के लिए बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद, ईपीसी कंस्ट्रक्शन के लिए रॉयल पार्टनर्स और एआरजीएल के लिए कारवाल-आर्सिल को चुना को सफल बिडर्स के रूप में चुना गया है। वहीं, इस लिस्ट में तीन और कंपनियों को बैंको की मदद मिली है।
यह भी पढ़ें – इलेक्शन और सोने में क्या है खास कनेक्शन, चुनाव का अक्षय तृतीया पर पड़ सकता है ये असर
तीन अन्य कंपनियों को भी बैंकों से मिली मदद
नवंबर 2018 में भारतीय स्टेट बैंक ने उत्तम गाल्वा स्टील्स के खिलाफ अपनी दिवालिया याचिका को वापस ले लिया है। आर्सेलरमित्तल ने इस मामले में पेमेंट कर सेटलमेंट पूरा कर दिया था। जयसवाल नेको इंडस्ट्रीज की एसेट्स को अधिकतर बैंकों ने एसेट केयर एंड रिकंस्ट्रक्शान के जरिए बैंक ऑफ अमेरिका को बेचा है। जय बालाजी इंडस्ट्रीज को एडलवाइज एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को बेचा गया है। इसके लिए चार बैंकों ने 63 फीसदी तक का हेयरकट भी किया है।
यह भी पढ़ें – पेट्रोल की कीमतों में 8 पैसे प्रति लीटर की कटौती, डीजल की दरों में नहीं हुआ कोई भी बदलाव
अन्य कंपनियां भी दिवालिया प्रक्रिया के अंतर्गत
दो कंपनियों केी तरलता का आदेश भी जारी किया गया है। पिछले साल दिसंबर माह में कोस्टल प्रोजेक्ट्स के लिए तरलता आदेश को जारी किया जा चुका है। वहीं, इसमें दूसरी कंपनी यानी शक्तिभोग दिल्ली हाईकोर्ट के अंतर्गत लिक्विडेट किया जा रहा है। करीब 15 एसेट्स अलग-अलग दिवालिया प्रक्रिया के तहत हैं। इन सभी प्रक्रियाओं में अधिक समय लगने की वजह से इन कंपनियों की हालत खराब होने लगी हैं।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.