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टाटा ने भी जेट एयरवेज में दिखाई थी रूचि
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, करीब दो दशक से भी अधिक समय से नरेश गोयल ( naresh goyal ) और हिंदुजा ब्रदर्स में बेहतर संबंध रहे हैं। हिंदुजा ब्रदर्स को उम्मीद है कि बैंक एक सीमित दायरे में कटौती करेंगे, जिसमें जेट पर करीब 12,000 करोड़ रुपए का कर्ज भी शामिल है। बता दें कि भारत की कई दिग्गज कंपनियों ने जेट एयरवेज के देनदारों समेत नरेश गोयल के बचाव से मना कर दिया है। शुरुआती दौर में टाटा समूह ने अपनी रूचि दिखाई थी, लेकिन थोड़े समय बाद ही उसने भी अपने हाथ पिछे खींच लिया।
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एविएशन सेक्टर में कदम रखने के लिए हिंदुजा ब्रदर्स कर रहे हैं प्रयास
पहले भी देश के एविएशन सेक्टर ( Aviation Sector ) में हिस्सेदारी को लकेर हिंदुजा ब्रदर्स उत्सुक रहे हैं। कर्ज के बोझ में डूबी सरकारी विमान कंपनी एअर इंडिया ( air india ) की प्राइवेटाइजेशन की बात सामने आने के बाद भी हिंदुजा ब्रदर्स ने अपनी रूचि दिखाई थी। साल 1997 से लेकर 2000 के बीच भारत और शारजहां के बीच लुफ्तांजा एयरकार्गो के साथ भी हिंदुजा ब्रदर्स ने टाइ-अप किया था। हालांकि एविएशन सेक्टर से जुड़े कई जानकारों का मानना है कि जेट एयरवेज को बचाने में अभी भी समय लग सकता है, क्योंकि भावी निवेशकों को कई बातों को ध्यान रखना होगा।
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