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14 फीसदी क्षमता और 40 फीसदी किराया हुआ प्रभावित
आईसीआरए के कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग्स के सह-प्रमुख किजल शाह के अनुसार भारतीय विमानन उद्योग का प्रमुख मुद्दा गहन प्रतिस्पर्धा के कारण बढ़ती इनपुट लागत का भार ग्राहकों पर डालने में असमर्थता है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 से जेट एयरवेज का परिचालन प्रभावित होने और 18 अप्रैल 2019 से पूरी तरह से बंद होने से उद्योग की 14 फीसदी क्षमता प्रभावित हुई है। इसके कारण वित्त वर्ष 2019 की चौथी तिमाही में हवाई किराए में 30-40 फीसदी की महत्वपूर्ण तेजी आई, जिससे इस तिमाही में अन्य एयरलाइंस को फायदा हुआ।” शाह ने कहा, “मांग और आपूर्ति में अल्पकालिक अंतर के कारण हवाई किरायों में तेज वृद्धि हुई और वे उच्च उपयोग के कारण उच्च बने रहने की उम्मीद कर रहे हैं।” पैसेंजर लोड फैक्टर कुछ समय से 85 फीसदी से अधिक हो गया है।
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इंडिगो और स्पाइसजेट को हुआ फायदा
जेट एयरवेज के बंद होने का सबसे ज्यादा फायदा इंडिगो और स्पाइसजेट को मिला है। आंकड़ों पर बात करें तो वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में इंडिगो के मुनाफे में 401.2 फीसदी की वृद्धि हुई, जोकि 589.6 करोड़ रुपए रही, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 117.6 करोड़ रुपए थी। इसी प्रकार से समीक्षाधीन अवधि में स्पाइसजेट के मुनाफे में 22 फीसदी की तेजी दर्ज की गई, जोकि 56.3 करोड़ रुपए रही, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की समान तिमाही में कंपनी ने 46.2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।