प्लांट के पास 20 हजार टन कोल स्टॉक है। खपत के अनुरूप कोयला मिलने से स्टॉक में सुधार आया है। रेलवे से रोजाना दो रैक और डब्ल्यूसीएल से 3500 टन कोयला आपूर्ति हो रहा है। 210-210 मेगावाट की 2 इकाइयों को टेक्निकल मिनिमम पर चलाया जा रहा है।
व्हीसी टेलर, पीआरओ, सतपुड़ा पॉवर हाउस, सारनी।
कोल प्रबंधन से नाराज है यूनियनें राष्ट्रीय वेतन समझौता दस नहीं मिलने केंद्रीय श्रमिक संगठनें कोल प्रबंधन और सरकार से नाराज है। देश के करीब 3 लाख 27 हजार 750 कर्मियों को वर्ष 2016 जुलाई से दसवें वेतनमान का लाभ मिलना था। लेकिन सरकार और कोल प्रबंधन की गलत नीतियों के चलते सितंबर 2017 में भी कोल कर्मियों को एनसीडब्ल्यू-10 का लाभ नहीं मिला। इस वजह से केंद्रीय श्रमिक संघों में कोल प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी है। जो कभी भी आंदोलन के रूप में बदल सकती है। गौरतलब है कि पिछली बार संगठनों द्वारा तीन दिनी हड़ताल की चेतावनी तक दे डाली थी।