सिवनी मालवा निवासी प्रीति शुक्ला पूर्व में महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष रह चुकी हैं। इनको संगठन का अनुभव है। हालांकि प्रीति शुक्ला के नाम की घोषणा ने कई दावेदारों की उमीदों पर पानी फेर दिया।
कर दी गई घोषणा
भाजपा जिला अध्यक्ष की दौड़ में अंतिम चरण में 42 दावेदार थे। जिनमें से 12 से अधिक उमीदवार ऐसे थे जिनके लिए स्थानीय वरिष्ठ नेता अड़ गए थे। इस खींचतान के कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। अध्यक्ष की घोषणा को लेकर भी बीते तीन दिनों से इंतजार था। बुधवार रात को अचानक अध्यक्ष की घोषणा कर दी गई। प्रीति को संगठन का लबा अनुभव है। वे 1999 में पहली बार सिवनी मालवा में भाजपा की पार्षद निर्वाचित हुई थी। इसके बाद वे दो बार महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष, जिला महामंत्री, उपाध्यक्ष रही हैं। पार्टी में उनकी सक्रियता के कारण उन्हें यह जिमेदारी मिली है।
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बता दें कि बीजेपी भले ही 47 जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान कर चुकी है, लेकिन अभी भी कुछ जिलों में मामला फंसा है, इंदौर और धार जिले में भी स्थिति क्लीयर नहीं हो पाई है. वहीं धार जिले में भी इस बार दो जिलाध्यक्षों का ऐलान होना है।
विधानसभा चुनाव से चल रही गुटबाजी
बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के समय से जिले की होशंगाबाद, सिवनी मालवा, पिपरिया और सोहागपुर विधानसभा में पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी चल रही है। लोकसभा चुनाव में भी इसका असर देखने को मिला था। इसके संगठन के मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के लिए भी गुटबाजी ही चल रही थी। इसे समाप्त करने के लिए प्रदेश नेतृत्व को बार बार हस्ताक्षेप करना पड़ रहा था।