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होशंगाबाद

बिजली घर का उत्पादन लुढ़ककर 400 मेगावाट पर

एलटीएसएच में लीकेज से 8 नंबर एवं तकनीकी खराबी से 10 नंबर यूनिट बंद

होशंगाबादFeb 02, 2018 / 11:23 pm

pradeep sahu

News for Sarni Power Plant Electricity Plant hindi

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सारनी. 12 घंटे के भीतर सतपुड़ा पॉवर प्लांट की दो विद्युत इकाइयां तकनीकी कारणों से बंद हो गई है। इसका असर यह हुआ कि बिजली घर का उत्पादन लुढ़ककर 400 मेगावाट पर सिमट गया था। 250 मेगावाट की 10 नंबर इकाई शुक्रवार सुबह 8:35 बजे तकनीकी खराबी के चलते बंद हो गई। सुधार कार्य के बाद 11:23 बजे इकाई को चालू करने में पॉवर हाउस प्रबंधन सफल रहा। यूनिट लोड पर आने के बाद सतपुड़ा का उत्पादन बढ़कर 650 मेगावाट के करीब पहुंच गया। वहीं 8 नंबर यूनिट एलटीएसएच ट्यूब में लीकेज के चलते गुरुवार रात बंद हो गई। जिसका सुधार कार्य चल रहा है। फिलहाल पॉवर हाउस सारनी की 7, 10 और 11 नंबर इकाई से 650 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हो रहा है।
जारी है हाइड्रोलिक टेस्टिंग-

पॉवर हाउस दो की 200 मेगावाट क्षमता की 6 नंबर इकाई ट्यूब में लीकेज के चलते दो दिन पहले बंद हो गई थी। जिसकी हाइड्रोलिक टेस्टिंग चल रही है। सभी पैरामीटर्स सही रहे तो इस इकाई को शुक्रवार देर रात तक लाइटअप कर ली जाएगी। वहीं 8 नंबर इकाई शनिवार दोपहर तक चालू होने की संभावना है। दो विद्युत इकाइयां बंद होने और कोयले की भरपूर आपूर्ति होने से सतपुड़ा पॉवर प्लांट में कोल स्टॉक बढ़कर 40 हजार मीट्रिक टन से अधिक पहुंच गया है।
अंतिम चरण में जीटी रिपेयरिंग का काम
मुंबई की मेसर्स आदित्य विद्युत एप्लाइसेंस में सतपुड़ा का जनरेटर ट्रांसफार्मर रिपेयर हो रहा है। कार्य अंतिम चरण में हैं। सबकुछ ठीक रहा तो फरवरी माह की 7 तारीख को क्लीयरेंस मिल जाएगा। इसके बाद दो दिनों तक टेस्टिंग चलेगी। फिर जीटी का परिवहन मुंबई से सारनी होगा। रिपयेरिंग के कार्य में कंपनी को करीब 3 करोड़ रुपए का खर्च वहन करना पड़ा है। गौरतलब है कि 24 अगस्त को रात 9:05 बजे यूनिट सिंक्रोनाइज करते समय जीटी बस्र्ट हो गया था। जिससे कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
11 करोड़ का है जीटी
210 मेगावाट की 9 नंबर यूनिट का जनरेटर ट्रांसफार्मर 11 करोड़ रुपए में केरल की टेल्क कंपनी से खरीदा गया था। जिस तकनीक से निर्माण हुआ था। वह तकनीक चार दशक पुरानी है। फिलहाल इस तकनीक के जीटी बनना बंद हो गए हैं। इसलिए कंपनी प्रबंधन द्वारा नया जनरेटर ट्रांसफार्मर बनाने से बेहतर रिपेयर करना जरूरी समझा और इसमें सफल भी हो गए।

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