दो बार बदला ग्रामीण बैंक का नाम, तीसरी बार अस्तित्व समाप्त गोरखपुर क्षेत्र में एसबीआई के सहयोग से चलने वाला ग्रामीण बैंक दो बार नाम बदल चुका है। जबकि अबकी तीसरी बार इसका अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। सन् 1975 में गोरखपुर क्षेत्र के विभिन्न जिलों में ग्रामीण बैंक की स्थापना की गई थी। 2005 में बस्ती व गोरखपुर क्षेत्र सहित कई ग्रामीण बैंकों का विलय करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद इस बैंक का नाम पूर्वांचल ग्रामीण बैंक कर दिया गया। 2013 में पूर्वांचल ग्रामीण बैंक में इटावा व बलिया के ग्रामीण बैंकों का भी विलय कर दिया गया। अब केंद्र सरकार ने पूर्वांचल बैंक, काशी-गोमती बैंक और बड़ौदा यूपी बैंक के विलय का निर्णय लिया है। केंद्र ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। विलय के बाद नए बैंक का नाम बड़ौदा यूपी बैंक होगा। इसमें पूर्वांचल बैंक की 600 शाखाओं, काशी-गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक की 478 शाखाओं व बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक की 972 शाखाओं का विलय कर दिया जाएगा।
यूपी के 31 जिलों में कार्यरत हैं ये बैंक अस्तित्व में आने वाला बड़ौदा यूपी बैंक की 2050 शाखाएं काम करेंगी। यह कुल 31 जिलों में काम करेगा। सरकार ने तीनों बैंकों के विलय की तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है।