कार्यक्रम को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए कल दिल्ली में जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और प्रभारियों की बैठकभी बलाई गई है। रालोद का पश्चिमी यूपी में अपना खासा असर रहा है। जाट और मुस्लिम समीकरण के सहारे पार्टी अपना दमखम दिखाती हुई आई है। हालांकि, मुजफ्फरनगर कांड के बाद से यह समीकरण टूट सा गया है। जाट और मुस्लिम अब एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं। इसका खामियाजा पार्टी 2015 के लोकसभा चुनाव और पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भुगत चुकी है। लोकसभा चुनाव में जहां पार्टी का सूपड़ा ही साफ हो गया था वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी मात्र एक सीट पर ही अटककर रह गई थी। ऐसे में पार्टी अब कार्यकर्ताओं को एकजुटता का मंत्र दे रही है। यह समझाया जा रहा है कि रालोद किसानों की पार्टी है और किसान में किसी भी धर्म का भेदभाव नहीं होता। हाईकमान कारगर मुद्दों के जरिए भी प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोलने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों की माने तो पार्टी बिजली की बढ़ी कीमतों को अपना हथियार बनाने जा रही है। इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने की तैयारी की जा रही है। खासतौर पर पश्चिमी यूपी के बिजली घरों पर हमला बोलने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार इसके लिए तीन मई की तारीख भी निश्चत कर दी गई है। पश्चिमी यूपी के सभी 33/11 केवीए के बिजीघरों को घेरने की तैयारी की जा रही है। कार्यक्रम जोरदार हो इसके लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए बीस अप्रैल को दिल्ली स्थित चौधरी अजित सिंह के आवास पर बैठक बुलाई गई है।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता इंन्दरजीत सिंह टूीटू के मुताबिक बैठक में सभी जिला और महानगर अध्यक्ष व प्रभारी हिस्सा लेंगे। प्रदेश के पदाधिकारियों को भी बैठक में बुलाया गया है। रालोद हाईकमान इस प्रदर्शन को जोरदार तरीके से करना चाहता है। इसके लिए हर बिजली घर का एक अलग प्रभारी नियुक्त करने की योजना है। पश्चिमी यूपी के रालोद अध्यक्ष डॉ. अनिल चौधरी ने इसके लिए विशेष दिशा निर्देश भी पार्टी अध्यक्षों को जारी कर दिए हैं।