वैशाली के सेक्टर 1 पार्क में गाजियाबाद पैरेट्स एसोसिएशन की बैठक में पैरेंट ने यह निर्णय लिया। एसोसिएशन संरक्षक सत्यपाल चौधरी ने बताया कि प्राइवेट स्कूल संचालकों के हित संरक्षण करने वाला बिल बनाकर सरकार ने पैरेंट को ठगने का काम किया है। मुख्यमंन्त्री और शिक्षा मंत्री के बयानों से लग रहा था कि पैरेंट को बहुत बड़ी राहत दी गई है और प्राइवेट स्कूल वालो की नकेल कस दी गई है लेकिन बिल में संयुक्त वार्षिक शुल्क, स्कूल परिसर में व्यवसायिक गतिविधि चलाने की अनुमति सहित अनेक प्रावधान शिक्षा माफिया के पक्ष में कर दिए गए हैं।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा नेताओं और मंत्रियों ने उन्हें धोखा दिया है। कई बार लखनऊ बुलाकर उनसे बिल ड्राफ्टिंग कराई गई, संसोधन मांगे गए लेकिन शिक्षा माफिया द्वारा तैयार ड्राफ्ट को बिल के रूप में पेश कर दिया गया। दिल्ली में आम आदमी की सरकार में शिक्षा सुधार को लेकर इच्छाशक्ति थी तो वहां शिक्षा सुधार पर काम हुआ। लेकिन उप्र सरकार शिक्षा माफिया के इशारे पर काम करती नजर आई।। योगी सरकार के मंत्री अतुल गर्ग और राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल द्वारा गाजियाबाद के प्राइवेट स्कूल संचालकों की पैरवी करना निंदनीय है।
एसोसिएशन की अध्यक्षा सीमा त्यागी ने बताया कि 28 अप्रैल को इस लूट के बिल को बेनकाब किया जाएगा। मार्च निकाल कर भाजपा द्वारा पोषित शिक्षा माफियाओं की करतूतों का खुलासा किया जाएगा। एजुकेशन बिल के विरोध के बिल के लिए एमएमएच कॉलेज के पार्क से कलक्ट्रेट तक निकलेगा।