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गाज़ियाबाद

इस केंद्रीय मंत्री पर किसानों ने फेंका जूता और कही गंदी बात

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने व अन्य मांगों को लेकर किसानों और पुलिस के बीच में मंगलवार को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर जमकर टकराव हुआ

गाज़ियाबादOct 03, 2018 / 10:29 am

virendra sharma

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इस केंद्रीय मंत्री पर किसानों ने फेंका जूता और कही गंदी बात

गाजियाबाद. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने व अन्य मांगों को लेकर किसानों और पुलिस के बीच में मंगलवार को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर जमकर टकराव हुआ। ट्रैक्टर में भरकर किसान दिल्ली—यूपी बॉर्डर पर पहुंचे थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने पानी की बौछार के अलावा किसानों पर आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाई। इसमें 40 से अधिक किसान, एसपी और 7 पुलिसकर्मी घायल होे गए।
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गाजियाबाद में कई दिन पहले हजारों की संख्या में किसानों का एक बड़ा काफिला हरिद्वार से चला था। विभिन्न जनपदों से होता हुआ सबसे आखिर में गाजियाबाद पहुंचा। यहां के कमला नेहरू नगर स्थित मैदान में अपना पड़ाव डाला था। दिल्ली बॉर्डर तक गाजियाबाद के पुलिस प्रशासन द्वारा कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए हुए थे। जैसे ही किसानों ने दिल्ली के अंदर प्रवेश करना शुरू किया तो दिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ एवं आरएएफ के जवान तैनात थे। किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल राजनाथ सिंह से भी मिला, लेकिन किसानों की 21 सूत्रीय मांगों पर पूरी तरह सहमति नहीं बन पाई।
केंद्र व राज्य सरकार का प्रस्ताव लेकर तीन मंत्री किसानों के बीच गाजियाबाद पहुंचे। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ एवं संस्कृति मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी व गन्ना मंत्री सुरेश राणा सात मांगों पर सहमति पत्र लेकर यूपी गेट पर पहुंचे थे। मंच संभालते ही मंत्रियों ने केंद्र सरकार का संदेश दिया। किसानों ने बिजली बिल माफी, स्वामीनाथ रिपोर्ट लागू करने, ऋण माफी समेत अन्य मांगों को रखा। लेकिन किसानों ने मंत्रियों का विरोध करना शुरू कर दिया।
इसी को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसानों ने पहले तो मंत्रियों को अपशब्द कह डाले। उन्होंने गाली-गलौज करनी शुरू कर दी। बाद में उनपर जूता उछाला। विरोध को देखते हुए मंत्री माइक को छोड़कर वहां से निकल लिए। जबकि किसानों ने उन्हें घेरने का प्रयास किया। लेकिन भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच मंत्रियों को वहां से निकाला गया। उधर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुस्साए किसानों को शांत कराया।
केंद्र सरकार ने इस मांगों पर दिया भरोसा

1. 10 वर्ष से पुराने डीजल वाहनों के संचालन पर विचार।
2. मनरेगा को कृषि से जोड़ने के लिए नीति आयोग के नेतृत्व में बनी 6 मुख्यमंत्रियों की समिति में किसान प्रतिनिधि को शामिल करना का प्रस्ताव तैयार करना।
3. खेती में काम आने वाले उपकरणों पर जीएसटी घटाने।
4. उत्पादन लागत पर 50 फीसदी अधिक मूल्य के निर्णय को रबी की फसलों पर लागू करने के लिए जल्द अधिसूचना जारी करने का भरोसा दिया।
6. पीएम फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन व किसान क्रेडिट कार्ड योजना को हल करने के लिए कमेटी का गठन।

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