एक दिन के डिफॉल्ट के नियमों को बदलते हुए आज आरबीआई ने कहा कि अब उधारकर्ताओं को अब डिफॉल्ट के 30 दिनों के अंदर अकाउंट देखना होगा। इसके बाद ही इस डिफॉल्ट के खिलाफ रिजॉल्युश प्लान को शुरू करना होगा। आइए जानते हैं कि आरबीआई के इस नए सर्कुलर में क्या-क्या है।
यह भी पढ़ें – Hyundai Venue का तहलका, Mahindra Xuv300 को पछाड़ बनी देश की दूसरे सबसे बिकाऊ कार
1. स्ट्रेस्ड परिसंपत्तियों के समाधान के लिए नए फ्रेमवर्क के तहत बैंक 30 दिनों के अंदर ही रिजॉल्युशन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। 12 फरवरी के सर्कुलर में यह केवल एक दिन का ही था।
2. फंसे कर्ज के रिजॉल्युशन के तहत उधारकर्ताओं को बोर्ड से मंजूरी मिली नीतियों का ही पालन करना होगा।
3. क्रेडिटर्स की तरफ से पहले 100 फीसदी मंजूरी को बदलकर आरबीआई ने अब कहा है कि 75 फीसदी रिजॉल्युशन की मंजूरी को मान्य कर दिया है।
4. लेनदारों से 100 फीसदी अनुमोदन के अपने पहले मानदंड को बदलते हुए, आरबीआई ने अब मंजूरी के लिए 75 फीसदी लेनदारों के अनुमोदन की अनुमति दी है।
5. उधारकर्ताओं के पास रिजॉल्युशन प्लान को लागू करने, डिजानइ करने की पूरी छूट होगी।
6. सभी उधारदाताओं द्वारा अंतर-लेनदार समझौते ( ICA ) पर हस्ताक्षर करने के लिए अनिवार्य। इसी से बहुमत के निर्णय लेने के मानदंडों को मंजूरी मिलेगी।
7. उधारकर्ताओं को 180 दिनों के अंदर ही 2,000 करोड़ रुपए के एनपीए को रिजॉल्व करना होगा।
8. उधारकर्ताओं को रिजॉल्युशन प्रक्रिया में देरी के लिए अधिक प्रावधान प्रदान करना होगा।
9. संयुक्त उधार फोरम JLF मैकेनिज्म वापस ले लिया गया है।