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एक्सिस और कोटक के आरोप
एक्सिस बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि लोन लेने के बाद कॉक्स एंड किंग्स और दूसरी कंपनियों के कुछ पदाधिकारियों ने बैंक को 1,030 करोड़ रुपए का धोखा दिया, जो चुकाया नहीं गया। वहीं दूसरी ओर कोटक महिंद्रा बैंक ने आरोप लगाया कि ट्रैवल कंपनी ने बैंकों, फाइनेंशियन इंस्टीट्यूशंस और पब्लिक इंवेस्टर्स से कई गुना लेनदेन सहायक कंपनियों और फर्जी कंपनियों के माध्यम से कई गुना ट्रांजेक्शंस करने में कामयाब रही। बैंक ने कहा कि उसने 2012 से कॉक्स एंड किंग्स के लिए फाइनेंशियल सर्विस का विस्तार किया और 24 जून, 2019 तक बकाया राशि 174.3 करोड़ रुपए थी।
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बैंकों द्वारा कराए ऑडिट में हुआ बड़ा खुलासा
डिफ़ॉल्ट के बाद बैंकों ने फॉरेंसिक ऑडिट करने का काम प्राइसवाटरहाउस-कूपर्स को सौंपा। फॉरेंसिक कंपनी की दो रिपोर्ट में पाया गया कि ट्रैवल कंपनी के कुछ पदाधिकारियों की अनियमितता और धोखाधड़ी की गई है। कोटक के लिए पीडब्लूसी की पहली ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक को जिन 15 कंपनियों से 449 करोड़ रुपए मिले हैं वो पूरी तरह से फर्जी थीं। इन कंपनियों के एड्रेस एक ही दिन में बनाए गए थे और जो पते दिए गए थो वो कंपनियां वहां नहीं थी।
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अभी तक नहीं हुई एफआईआर
दोनों मामलों के लिए एफआईआर दर्ज होना बाकी है। कोटक और एक्सिस द्वारा दो शिकायतों को मिलाकर अब ट्रैवल कंपनी के खिलाफ ऐसी शिकायतें सामने आ चुकी हैं। इन दो शिकायतों से पहले इंडसइंड बैंक द्वारा 239 करोड़ रुपए के डिफॉल्ट की शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच पहले से ही चल रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कॉक्स एंड किंग्स के खिलाफ कोई और बैंक सामने आता है या नहीं।