पार्टियों ने दिखाया बाहर का रास्ता
चुनाव परिणाम के रुझान आने के बाद भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा की 542 सीटों में से 300 सीटों पर बढ़त दिखाई गई है। वहीं, अगर हम विदेशों की सरकारों की बात करें तो मलेशिया में संघीय सरकार को जीएसटी लागू करने के बाद हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया सरकार का भी कुछ यह हाल हुआ था। सत्ता में रहते हुए पार्टियों ने जीएसटी को लागू किया था, लेकिन अगले ही चुनाव में वहां की जनता ने उन पार्टियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
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एक्सपर्ट ने दी जानकारी
आपको बता दें कि इन देशों में कर सुधार कार्यक्रम के बाद वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ गई, जिसके कारण वहां की जनता में काफी नाराजगी पैदा हो गई, जिसके कारण चुनावी परिणामों में इन देशों की सरकार को हार का मुंह देखना पड़ा। टैक्स कानून के एक एक्सपर्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि एक विशाल देश में जीएसटी लागू करने वाली सरकार को लोगों ने दोबारा चुना है।
मोदी सरकार को मिला जीएसटी लागू करने का फायदा
इसके साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण बनाए रखा और उद्योग की मांगों पर सक्रियता से काम किया है, जिसका परिणाम उनको मिला है। एक अन्य जीएसटी मामलों के सलाहकार ने कहा कि कई देशों में जहां जीएसटी लागू की गई वहां सरकारों ने वादा किया कि इसको लेकर पैदा होने वाली समस्याओं का समाधान एक साल के भीतर किया जाएगा, जबकि जीएसटी लागू होने के बाद एक साल के भीतर चुनाव आ गया, जिसके कारण उनको उसमें सुधार करने का मौका नहीं मिला। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यहां (भारत) जीएसटी लागू होने और चुनाव होने के बीच दो साल का अंतर है। इस बात का फायदा भी मोदी सरकार को मिला है।
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1 जुलाई 2017 को लागू की GST
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया जोकि एक अप्रत्यक्ष करों में एक बड़ा बदलाव था और इसके बाद अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं की लागत घट गई, जिससे दुनिया में भारत एक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बन गया है। सरकार ने नई कर व्यवस्था में दर्जनों बदलाव किए और पिछले दो साल में इसे उद्योग के लिए अनुकूल बनाने के लिए सैकड़ों मदों पर कर की दरों में कटौती की। इसके बाद इसकी प्रक्रिया को और सरल बनाने की दिशा में और परिवर्तन की योजना है।
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