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लिस्टिंग का खुलेगा रास्ता
उसके बाद एएआई के निगमीकरण के लिये वित्त मंत्रालय, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तथा नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बैठक हुई और पूंजी दिये जाने को लेकर शेयर जारी करने के बारे में कानूनी राय ली गयी। सूत्रों ने पीटीआई भाषा से कहा, “वित्त मंत्रालय ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पत्र लिखकर 656.56 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी के एवज में शेयर जारी करने को कहा है।” शेयर पूंजी जारी करने के साथ एएआई कंपनी कानून के तहत कंपनी बन जाएगी और शेयर के निवेश, शेयर पुनर्खरीद या शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के लिये जा सकती है।
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एएआई ने लाभांश के तौर पर वित्त वर्ष 18 में सरकार को 2800 करोड़ रुपये दिए
सूत्रों के अनुसार एएआई का निगमीकरण का काम अब नई सरकार करेगी। नई सरकार इस माह के अंत में सत्ता संभाल लेगी। पिछले वित्त वर्ष में एएआई ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिये पूरा कर बाद लाभ (पीएटी) 2,800 करोड़ रुपये सरकार को लाभांश के रूप में दिया। इससे पहले, वह सरकार को लाभांश के रूप में केवल 30 प्रतिशत ही हस्तांतरित करता था। वित्त मंत्रालय की पूंजी पुनर्गठन नीति के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सरकार को अधिकतम लाभांश देना है। इसीलिए पिछले वित्त वर्ष में एएआई को 2017-18 का अपना पूरा लाभ बतौर लाभांश देने को कहा था।
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