scriptMargashirsh Amavasya 2021- मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व व शुभ समय और जानें कब क्या करें? | Margashirsha Amavasya 2021 Date Time And Significance | Patrika News
त्योहार

Margashirsh Amavasya 2021- मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व व शुभ समय और जानें कब क्या करें?

इसी दिन साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण भी

Dec 03, 2021 / 12:56 pm

दीपेश तिवारी

Margashirsha Amavasya 2021

Margashirsha Amavasya 2021

Margashirsh Amavasya 2021: हिंदू कैलेंडर का नौंवा माह मार्गशीर्ष कहलाता है, जो पंचाग के अनुसार कार्तिक माह के बाद शुरु होता है। ऐसे में मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है। जो इस साल 2021 में शनिवार, 4 दिसंबर को पड़ रही है। वहीं इस बार इस दिन साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण भी रहेगा।

वहीं यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने के कारण यह शनि अमावस्या भी है। जानकारों के अनुसार दरअसल हिंदू धर्म में तिथियों का विशेष महत्व होता है और प्रमुख तिथियों पर ही व्रत-त्योहार का मनाएं जाते हैं।

Margashirsha Amavasya 2021 DATE Margashirsha Amavasya DATE AND TIME
IMAGE CREDIT: patrika

इन तिथियों में पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी और त्रयोदशी का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार हर माह ये चारों तिथियां अवश्य आती है। जो किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होती हैं। जैसे पूर्णिमा भगवान विष्णु तो अमावस्या देवी लक्ष्मी वहीं त्रयोदशी भगवान शिव और एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है।

हर तिथि के समान ही हर माह के भी कोई न कोई कारक देवी या देवता होते हैं। ऐसे में मार्गशीर्ष माह में श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना का विधान है। इस माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या या अगहन अमावस्या कहा जाता है।

Must Read – Hindu Calendar: कौन सा माह है किस देवी या देवता का? ऐसे समझिए

Hindu calendar

मार्गशीर्ष अमावस्या 2021 के शुभ मुहूर्त
साल 2021 में मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि की शुरुआत शुक्रवार 03 दिसंबर 04:58 PM होगी, जबकि इस अमावस्या तिथि का समापन शनिवार 04 दिसंबर 2021 को 01:15 PM पर होगा। वहीं उदया तिथि शनिवार, 04 दिसंबर दिन को होने के कारण मार्गशीर्ष अमावस्या शनिवार की है।

मार्गशीर्ष अमावस्या 2021 पर विशेष योग
ज्योतिषियों के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 2021 के दिन सुबह 08 बजकर 41 मिनट तक सुकर्मा योग है. सुकर्मा योग को मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है. ऐसे में इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या सुकर्मा योग में पड़ रही है.

जानकारों के अनुसार अमावस्या पर पितरों का तर्पण, स्नान और दान करने के संबंध में मान्यता है कि इससे पाप से मुक्ति मिलती है। वहीं अमावस्या तिथि देवी लक्ष्मी को विशेष प्रिय मानी जाती है, ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि पर भी देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

Must Read – अमावस्या तिथि : मां लक्ष्मी को है अति प्रिय

amavasya

मार्गशीर्ष अमावस्या: जानें इसका महत्व
मान्यता के अनुसार अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित होती है। ऐसे में मार्गशीर्ष माह की अमावस्या पर पितरों के तर्पण का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन पितरों की आत्मा को पूजा और तर्पण करने से शांति मिलती है, ऐसे में इससे प्रसन्न होकर पितर अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

वहीं ये भी माना जाता है कि अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान, तर्पण और पिंडदान करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की आत्म तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त इस दिन नदी में स्नान और दान का भी विशेष महत्व माना गया है।


मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत पूजा
जानकारों के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या पर पूजा करने और इस दिन व्रत का पालन करने के संबंध में मान्यता है कि ऐसे करने से आपके पूर्वजों को शांति और मोक्ष मिलने में मदद होती है। हिंदू ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या व्रत न केवल आपके मृत पूर्वजों को प्रसन्न करता है, बल्कि आपको भगवान रुद्र, इंद्र, ब्रह्मा, सूर्य और अग्नि व अन्य से भी आशीर्वाद प्रदान कराता है।

मार्गशीर्ष अमावस्या को लेकर ये भी माना जाता है कि इस दिन किसी भी पवित्र नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त होने में सहायता मिलती है। इसके अलावा इस दिन दान पुण्य को पूर्वजों के प्रति आभार और सर्वोच्च स्तर का पुण्य प्राप्त करने का प्रतीक मनाया गया है।

मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि
– इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नित्यक्रिया के पश्चात किसी पवित्र नदी में स्नान करके और सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए।
– इसके पश्चात मंत्रों का जाप करते हुए जल में तिल प्रवाहित करना शुभ माना गया है।
– फिर अपने पितरों और कुल देवी-देवताओं का स्मरण करते हुए पितरों को तर्पण करें और उनके मोक्ष का कामना करनी चाहिए।
– स्नान और पितरों की पूजा के बाद इस दिन दान अवश्य करना चाहिए।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Festivals / Margashirsh Amavasya 2021- मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व व शुभ समय और जानें कब क्या करें?

ट्रेंडिंग वीडियो