यह बीमारी 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को प्रभावित करती है। खासतौर पर जिन व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप, अनुवांशिकीय रूप से नसों का कमजोर होना, संक्रमण, चोट और मस्तिष्कीय क्षति या ट्यूमर हो उन्हें ये रोग होने की आशंका ज्यादा रहती है।
अगर किसी मरीज को जीवन में पहली बार असहनीय सिरदर्द हुआ हो, उल्टी, गर्दन के दर्द या हाथ-पैर में लकवा मार जाना, साथ ही धुंधला या दोहरा दिखाई देना, आंख के ऊपर और पीछे दर्द, लगातार कमजोरी, चक्कर आना आदि सेरिब्रल एन्यूरिज्म के प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में मिर्गी के दौरे के रूप में भी इस रोग के लक्षण हो सकते हैं।
डॉक्टर द्वारा क्लिनिकल परीक्षण के साथ ही सीटी स्कैन और ब्रेन एंजियोग्राफी से इस रोग की जांच की जाती है। सेरिब्रल एन्यूरिज्म का उपचार क्या है?
इसके इलाज के दो विकल्प हैं – सर्जरी और एंजियोग्राफियोन। जहां पर एंजियोग्राफियोन की सुविधा उपलब्ध है वहां पर यह पहला विकल्प है लेकिन कई मरीजों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए सिरदर्द को हल्के में ना लें और समय रहते ही डॉक्टरी सलाह से जांच करा लें।