इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में जो बच्चे छूट गए उनके लिए पुनः 30 अक्टूबर को भी कैम्प का आयोजन हुआ। आँकड़े पर नजर डालें तो इस अभियान में कुल 3.31 लाख बच्चों का वजन इस दौरान लिया गया । ब्लॉकवार नजर डालें तो अतिकुपोषित श्रेणी में बैतालपुर में सबसे अधिक यानि 3278 बच्चे पाए गए। वहीं कुपोषित श्रेणी में सलेमपुर ब्लॉक अव्वल रहा, यहाँ 6933 बच्चे कुपोषण के शिकार मिले चौंकाने वाली बात ये भी है कि, देवरिया नगर में भी दोनों श्रेणियों को मिलाकर 14381 बच्चे मिले हैं । देश के भविष्य इन बच्चों में कुपोषित के रुप मे इतनी बड़ी संख्या सामने आने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी का कार्यालय इन चिन्हित बच्चों को स्वस्थ बनाने की मुहिम में लगा दिख रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी के एन पाण्डेय ने इस बावत बताया कि, जितने बच्चे चिन्हित हुए हैं उन्हें सरकार के पोषण मिशन कार्यक्रम के तहत लाभ दिया जा रहा है। जब तक बच्चों का वजन स्वस्थता की श्रेणी में नहीं आ जाता तब तक उन्हें इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, जो बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी में हैं उनके लिए जिला अस्पताल में कुपोषण आवास केन्द्र की व्यवस्था की गई है। इस केन्द्र में ऐसे बच्चों को राखकर समुचित इलाज और भोजन आदि की व्यवस्था सरकार द्वारा संचालित है। बच्चे के साथ रहने वाले एक व्यक्ति के भी भोजन और ठहरने के लिए आर्थिक मदद सरकार ने देने का आदेश दे रखा है। श्री पाण्डेय की माने तो इस अभियान से कुपोषित बच्चों की संख्या को कम करने में काफी सफलता मिलती दिख रही है ।