किस दिन सुनाई जाएगी सज़ा?
हश मनी मामले में डोनाल्ड अमेरिकी नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप की सज़ा पर 10 जनवरी फैसला सुनाया जाएगा। न्यूयॉर्क की अदालत के जज जुआन मर्चेन (Juan Merchan) ने इस बात की जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि 10 जनवरी को हश मनी मामले में ट्रंप को सज़ा सुनाए जाने के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअल रूप से उपस्थित हो सकते हैं।
शपथ ग्रहण से 10 दिन पहले होगा सज़ा का ऐलान
ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। ट्रंप की शपथ ग्रहण के लिए एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन होगा। यह आयोजन अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग (US Capital Building) में होगा, जो अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. (Washington D.C.) में स्थित है। ऐसे में उनके शपथ ग्रहण से 10 दिन पहले हश मनी मामले में उनकी सज़ा का ऐलान होगा।
पहले अपराधी राष्ट्रपति
हश मनी मामले में दोषी ठहराए जाने के साथ ही ट्रंप पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति भी बन गए थे, जिन्हें किसी मामले में दोषी ठहराया गया है। इस मामले में ट्रंप को जो भी सज़ा मिले, वह 20 जनवरी को सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर नहीं, बल्कि एक अपराधी के तौर पर भी व्हाइट हाउस में वापसी करेंगे। ऐसे में ट्रंप अमेरिका के पहले अपराधी राष्ट्रपति बन जाएंगे।
क्या जेल जाएंगे ट्रंप?
हश मनी मामले में 10 जनवरी को ट्रंप को सुनाई जाने वाली सज़ा से पहले सभी के मन में एक ही सवाल है….”क्या ट्रंप जेल जाएंगे?” इस मामले में जज मर्चेन ने कहा कि वह ट्रंप को जेल की सज़ा सुनाने के पक्ष में नहीं है। 18 पन्नों के अपने निर्णय में मर्चेन ने न्यूयॉर्क की ज्यूरी द्वारा ट्रंप की सज़ा को बरकरार रखा और ट्रंप के वकीलों की इस सज़ा को खारिज करने के प्रस्तावों को खारिज कर दिया। हालांकि मर्चेन ने यह भी साफ कर दिया कि भले ही ट्रंप को जेल की सज़ा न सुनाई जाए, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह सज़ा के हकदार नहीं हैं।
क्या है हश मनी मामला?
ट्रंप के खिलाफ पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स (Stormy Daniels) ने यह खुलासा किया था कि वह 2006 में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान ट्रंप से मिली थी। दोनों नज़दीक आ गए और उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने, जिसके बारे में स्टॉर्मी ने अपनी किताब में डिटेल में बताया है। 2016 में जब ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा, तो इससे पहले उन्होंने स्टॉर्मी से दोनों के रिश्ते के बारे में चुप रहने के लिए कहा था। इसके लिए ट्रंप ने स्टॉर्मी को 1,30,000 डॉलर्स भी दिए थे। हालांकि स्टॉर्मी ने बाद में इस बारे में खुलासा करते हुए पूरे अमेरिका में हंगामा मचा दिया था।