जानिए मिलने वाले लाभ के बारे में –
ऋण तक पहुंच
पंजीकृत एमएसएमई कम ब्याज दरों पर बैंकों से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। सरकार सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी प्रदान करती है।
सब्सिडी और योजनाएं
पंजीकृत एमएसएमई विभिन्न योजनाओं के लिए पात्र हैं। इसमें पेटेंट पंजीकरण, औद्योगिक संवर्धन और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर सब्सिडी शामिल है।
एमएसएमई को सरकारी निविदाओं में अक्सर बयाना धन जमा का भुगतान करने से छूट दी जाती है। उन्हें सरकारी अनुबंधों के आवंटन में भी प्राथमिकता मिलती है।
कर लाभ : पंजीकृत एमएसएमई कई कर छूटों का लाभ उठा सकते हैं, कम उत्पाद शुल्क और प्रत्यक्ष करों से छूट शामिल है।
कोलैटरल फ्री लोन: सरकार, संस्थानों के सहयोग से उद्यम-पंजीकृत एमएसएमई को कोलैटरल फ्री ऋण प्रदान करती है।
लागत में कमी : एमएसएमई पेटेंट पंजीकरण शुल्क पर 50% सब्सिडी और ट्रेडमार्क पंजीकरण की लागत में कमी का लाभ।
१. उद्यम पंजीकरण पोर्टल udyamregistration.gov.in पर जाएं।
२. ‘नए उद्यमी जिन्होंने पंजीकरण नहीं किया है’ के विकल्प में, आधार के साथ सत्यापित करें और फिर ओटीपी डालें।
३. आधार सत्यापित हो जाने के बाद, पैन सत्यापन पृष्ठ पर पहुंच जाएंगे।
४. आवेदन पत्र में सभी आवश्यक विवरण जैसे उद्यमी का नाम, मोबाइल नंबर, पता, बैंक विवरण और अन्य जानकारी भरें।
५. संयंत्र और मशीनरी में निवेश जैसे विवरण प्रदान करें और फिर ओटीपी उत्पन्न करें। ओटीपी डालकर सबमिट करें।
६. ई-मेल पर पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। आवेदन के लिए पैन, आधार, जीएसटी (उद्यमों के लिए) जरूरी है।
७. उपरोक्त को छोडक़र, पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान किसी भी दस्तावेज, प्रमाण पत्र या कागजात को अपलोड करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
एक बार जब आपका एमएसएमई आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो इसके बाद आपकी कंपनी रजिस्टर हो जाती है और इससे संबंधित दस्तावेज आपके पते पर भेज दिए जाते हैं।
रजिस्ट्रेशन की शर्तें क्या हैं
मेन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के उस व्यवसाय को ही एमएसएमई का हिस्सा माना जाता है जिसका निवेश प्लांट और मशीनरी में 10 करोड़ रुपए से कम होगा, वहीं सर्विस सेक्टर के लिए ये सीमा 5 करोड़ रुपए निर्धारित है।