हंसना एक थैरेपी है
हंसने-मुस्कान से ही न केवल इम्युनिटी बढ़ती है बल्कि शरीर के सभी हिस्सों खासकर हृदय, मस्तिष्क, एंडोक्राइन सिस्टम, मांसपेशियों, हड्डी में नए सेल्स बनते हैं। जो न केवल अधिक उम्र की ओर ले जाते हैं बल्कि अधिक उम्र में जवां बनाए रखने में मदद करते हैं। यह तनाव को कम करने का सबसे अच्छा माध्यम है। इसमें जरूरी नहीं है कि आप किसी के साथ या मदद से ही हंसें। आप खुद भी हंस सकते हैं। कई अध्ययनों में स्पष्ट हो चुका है कि खुशी और सेहत के बीच गहरा संबंध होता है। वल्र्ड लॉफ्टर डे 7 मई को है। जानते हैं खुश रहने और हंसने-मुस्कुराने के लाभ-
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हार्मोन्स और खुशी के बीच संबंध
शरीर में चार हार्मोन्स होते हैं सिरोटोनिन, एंडोर्फिन, ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन। इन्हें हैप्पी हार्मोन कहते हैं। इनकी शरीर में कमी होने से मानसिक सेहत पर असर पड़ता है। मूड और सेहत दोनों को नुकसान होता है। हंसना और खुशी रहना इन हार्मोन्स को बढ़ाता है।
जब आप हंसते हैं तो हमारा शरीर सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है। इससे तनाव हार्मोन (कॉर्टिसॉल, एड्रनलिन और डोपैक) में कमी आती है और बीटा-एंडोर्फिन (जो अवसाद में कमी लाए) और मानव विकास हार्मोन (जो आपने शायद सुना होगा कि हंसी एक अच्छी दवा है) उन्हें बढ़ाता है। इससे शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ती है।
हंसने से हृदय की दर 10-20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। यह कैलोरी को खत्म करने में मदद करती है। मेटाबॉलिज्म में भी बढ़ोत्तरी होती है, जिसका अर्थ है कि हंसना बंद करने के बाद आराम पर अधिक कैलोरी खत्म होगी। हर दिन 15 मिनट के लिए हंसने पर हर दिन 10 से 40 कैलोरी के बीच खत्म होती है। अगर पूरे वर्ष नियमित हंसा जाए तो करीब दो किग्रा तक वजन कम किया जा सकता है।
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खुलकर हंसें दिन में 2 बार
स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप दिन में दो बार खुलकर हंसें। यह सुबह-शाम को तय कर लें। इसके साथ हर घंटे एक बार मुस्कुराने की आदत बनाएं। यह कई तरह की बीमारियों से बचाव कर स्वस्थ रहने में मदद करेगा।
जब भी कोई हंसता है तो चेहरे की 15 मांसपेशियां एक्टिव हो जाती हैं। इससे चेहरे का व्यायाम तो होगा ही। साथ ही साथ, आपका मूड बेहतर होगा और स्ट्रेस कम होगा। हंसने का असर उम्र पर भी पड़ता है। नियमित हंसने वालों की उम्र कम दिखाई देती है। हंसना एक तरह की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है। हंसने से हमारी मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है और एंटीएजिंग में मदद मिलती है।
…ताकि बनी रहे हंसी
सुबह बिस्तर पर आंख खोलते समय ही पहला काम मुस्कुराना होता है। आप बैठे-बैठे कुछ सेकंड मुस्कराएं। इसके बाद परामात्मा का ध्यान करें और उन्हें रोज जीवन देने के लिए धन्यवाद कहें। क्योंकि मृत्यु तो एक दिन आती है और जीवन रोज-रोज मिलता है। रोजाना सुबह नित्य क्रिया के बाद हंसना शुरू करें। 10-15 मिनट जरूर हंसें।
हंसते समय अच्छे का ध्यान करें
ब्रह्मांड में हर तरह की चेतना है। इसमें अच्छाई व बुराई हर चीज है। इसलिए हंसते समय हमेशा अच्छी चीजों के बारे में सोचने से लाभ और बढ़ जाता है। इसलिए कोशिश करें कि लॉफ्टर थैरेपी के साथ अपने आराध्य के बारे में ध्यान करें।
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हंसी के हैं कई प्रकार, नियमित अभ्यास करें
हंसी के कई तरीके हैं। हमने अपने साथ के लोगों को हंसाने के लिए कई मंत्र तैयार किए हैं। इसके अलावा पॉश्चर के हिसाब से भी अलग-अलग तरीके से हंसा जा सकता है। मान लीजिए कोई आपके कपड़े में पीछे बर्फ का टुकड़ा डाले तो आप कैसे रिएक्ट करते हैं। रिएक्शन के साथ हंसें। इसी तरह तीखा खा लिया है तो उस अनुसार हंसें। तीखा कम करने के लिए जब मीठा खाते हैं तो उससे जो आराम मिलता है उसके अनुरूप हंसें। इसी तरह लॉयन पॉश्चर में सामने वाले की आंखों में आंख डालकर जबड़ा फैलाकर हंसें। हनुमान जी की तरह मुंह फुलाकर हसें। एक दूसरे पर भी हंस सकते हैं।