सियासी गलियारों में कहावत आम है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 24 दिसंबर को यात्रा दिल्ली आई थी। 9 दिनों के ब्रेक ली। इस दौरान कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल होने के लिए सपा प्रमुख अलिखेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी को न्योता दिया था।
पहले तो जयंत चौधरी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल होने से मना कर दिया था। मायावती और अखिलेश ने राहुल के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सफल होने की शुभकामनाएं दी। 3 जनवरी को राहुल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ यूपी में प्रवेश की तो रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्विट कर राहुल गांधी को तपस्वी बताया है।
जयंत के ट्वीट से सियासी पारा चढ़ गया। जयंत के ट्विट को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं। वहीं दोपहर में रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने ऐलान कर दिया कि पार्टी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होगी। उन्होंने कहा कि बागपत और शामली की यात्रा में रालोद के नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। पार्टी नेतृत्व की ओर से नेताओं को संदेश दे दिया गया है। रालोद सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में सभी के साथ है।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ को राहुल गांधी के 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी में 2 सीट पर सिमट गई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी में मात्र एक सीट ही जीती। वह भी रायबरेली से सोनिया गांधी अपनी सीट बचाने में कामयाब हुईं। राहुल गांधी तक अपनी सीट हार गए। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई।