केन्द्रीय श्रम, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव एवं सांसद भागीरथ चौधरी ने सोमवार को इस संबंध में पुरी से मुलाकात की। उन्होंने पुरी को पत्र सौंप कर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अजमेर में कराए जा रहे कार्यो की गुणवत्ता व अनियमितताओं की जांच के लिए केन्द्रीय कमेटी का गठन किए जाने की बात कही। उन्होंने स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबरें भी उनके सामने पेश की है।
मंत्री यादव तथा सांसद चौधरी ने कहा कि स्मार्ट सिटी के चलने वाले प्रोजेक्ट्स में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी तय की गई है। लेकिन अजमेर में इसकी मूल भावना के वितरीत जनप्रतिनिधियों को कहीं भी शामिल नहीं किया जाता है। स्मार्ट सिटी मिशन में प्रशासन ने अपनी मनमर्जी से पूर्व में स्वीकृत कार्यों को निरस्त कर कई ऐसे कार्य स्वीकृत कर दिए जो स्मार्ट सिटी मिशन के मूल उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने बताया कि विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, महापौर तथा उपमहापौर ने स्मार्ट सिटी में व्यापक अनियमितता, बिना सहमति एवं अनियमित रूप से निर्माण कार्यों के संबंध में जिला कलक्टर तथा स्मार्ट सिटी सीईओ कई बार ज्ञापन दिए गए लेकिन कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई।
भराव क्षेत्र किया जा रहा कम उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक आनासागर झील में पाथवे बनाने के नाम पर अवैध रूप से मिट्टी भरकर आनासागर का मूल भराव क्षेत्र छोटा कर दिया गया है। यह झील के संरक्षण तथा उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के विपरीत है। भराव क्षमता कम होने से शहर में जल भराव की समस्या पैदा होगी। पाथ-वे निर्माण में एफटीएल के मानकों एवं वैटलैण्ड की स्थिति का भी उल्लंघन किया जा रहा है। वहीं आनासागर झील के चारो ओर भू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से करोड़ो की जमीनो पर कब्जा कर गैर-कानूनी ढंग से व्यवसायिक/आवासीय निमार्ण कर झील के स्वरूप को बदला जा रहा है।
नहीं पहुंच पाएगा झील में बरसाती पानी
उन्होंने आरोप लगाया कि चौपाटी निर्माण के दौरान कही भी पाथवे में वॉटर टनल नहीं छोड़ी गई है जिससे बरसात का पानी आनासागर पंहुचने में बाधा आएगी। पानी के जरिए अवैध निर्माणों व कब्जों को रोका जा सकता था लेकिन भू-माफियाओं को लाभ पंहुचाने की मंशा से यह नहीं किया जा रहा है।
डूब क्षेत्र में सेवन वंडर्स
आनासागर झील में एफटीएल के मार्क एवं डूब क्षेत्र में ही सेवन वन्डर्स का निर्माण किया जा रहा है। जबकि झील के पेटे में किसी भी प्रकार का निर्माण नियमों के विरूद्ध है एवं इस निर्माण के लिए बहुत से क्षेत्र में भराई की जा रही है। डूब क्षेत्र में भराई गई मिट्टी को हटाकर झील की डी-सिलटिंग करवाकर संरक्षण एवं संवद्र्धन किया जाए।
बुनियादी सुविधाएं नदारद
स्मार्ट सिटी में शहर के लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना मूलभूत प्राथमिकता थी। जिसमें 24 घंटे प्रत्येक घर को पानी उपलब्ध कराना, शहर के ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करना, सीवरेज सिस्टम को सही करना तथा अच्छी सड़कें उपलब्ध कराना था, लेकिन प्राथमिकता में यह न होकर सरकारी स्तर में सुविधा देने वाली योजनाएं बनी है जोकि स्मार्ट सिटी की मूल अवधारणा के विपरीत हैं।
हो रहा घटिया निर्माण
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मे चल रहे कार्य में विभिन्न स्थानों पर घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है जिसके कारण निर्माण की गुणवत्ता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने की नीयत से कार्य करवाए जा रहे हैं।