ड्यूटी पर मौजूद स्टेट ऑर्गन टिश्यु ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) की टीम व अन्य चिकित्सा कर्मियों ने ब्रेनडेड मरीज के परिजनों को अंगदान के बारे में जानकारी दी। परिवार की सहमति से अंगों का दान करने का निर्णय किया गया, हालांकि यह सहमति अंगों को गुप्त रूप से दान करने की थी। इसके आधार पर मरीज की दो किडनी और लिवर (तीन अंगों) का दान किया गया। दान में मिले इन अंगों के कारण अन्य तीन लोगों को नया जीवन मिल गया। इन अंगों का प्रत्यारोपण सिविल मेडिसिटी के ही इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिस एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) में किया गया। दान के कारण जरूरतमंद तीन लोगों को नया जीवन मिल गया है।
दान में मिल चुके हैं 561 अंग
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि अब तक 173 ब्रेन डेड मरीजों के 561 अंगों का दान मिल चुका है। इन अंगों की बदौलत अब तक 543 लोगों की जान बचाई जा सकी है।
अब तक पांच मुस्लिम परिवारों ने किया दान
डॉ जोशी के मुताबिक अंगदान को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में अब तक ब्रेन डेड मरीजों में से पांच मुस्लिम परिवारों ने अंगदान किया है। उन्होंने सभी लोगों से अंगदान जागरूकता में शामिल होने का अनुरोध भी किया।