अहमदाबाद शहर पुलिस आयुक्त जी.एस. मलिक ने इस मामले में सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नेहरूनगर में शनिवार को सब्जी व्यापारी बदाजी मोदी की हत्या के मामले की गुत्थी क्राइम ब्रांच ने सुलझा ली है। प्राथमिक रूप से परिवारिक रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया है।
मुरैना मूल के शूटर ने दिया अंजाम
पुलिस आयुक्त ने बताया कि राजस्थान के सिरोही मूल के बदाजी मारवाड़ी की हत्या की साजिश उनके बड़े भाई के पुत्र (भतीजे) अशोक मोदी ने ही रची थी। इसके लिए अशोक ने हत्या की सुपारी यूपी के कानपुर जिले के रूपुर गांव निवासी अन्नु राजपूत (24) को दी थी। जबकि शूटर के तौर पर मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के अंबा निवासी व हाल में शहरकोटडा (मेम्को) क्षेत्र में रहने वाले कुलदीप परमार (22) को बुलाया गया था। मध्यप्रदेश के भिंड जिले की अटेर तहसील के चोमो गांव निवासी अंकित भदौरिया (21) ने कुलदीप और अन्नु राजपूत की विविध तरह से मदद की थी।पुलिस आयुक्त मलिक ने बताया कि कुलदीप समेत दो जने शनिवार को नेहरूनगर स्थित बदाजी मोदी की सब्जी व फलों की दुकान पर पहुंचे जहां उन्होंने बदाजी की हत्या के इरादे से फायरिंग कर दी और मोटरसाइकिल से फरार हो गए थे। इसके बाद उपचार के दौरान व्यापारी की मौत हो गई थी।
सुपारी की रकम में से 75 हजार रुपए चुकाए
पुलिस आयुक्त मलिक के अनुसार मृतक के भतीजे ने अपने चाचा की हत्या कराने के लिए जो 25 लाख रुपए की सुपारी दी थी उनमें से 75 हजार रुपए ही चुुकाए थे।
40 बीघा जमीन को लेकर विवाद
पुलिस आयुक्त के अनुसार बदाजी मोदी और उनके बड़े भाई खेताराम मोदी के बीच राजस्थान के सिरोही में स्थित 40 बीघा जमीन को लेकर भी विवाद चल रहा था। इस जमीन की कीमत लगभग दो करोड़ रुपए आंकी गई है। दोनों भाइयों के परिवार में चल रही रंजिश के बीच एक वर्ष पहले खेताराम मारवाड़ी की भी हत्या हो गई थी। इस हत्या को कराने के पीछे बदाजी मोदी पर शक था।, जिससे इस वारदात को अंजाम दिया गया है। हालांकि स्पष्ट कारणों की जांच की जा रही है।