scriptप्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कर सकती हैं ये 5 योगासन | You can do these 5 yoga poses in the third trimester of pregnancy | Patrika News
महिला स्वास्थ्य

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कर सकती हैं ये 5 योगासन

गर्भावस्था में अक्सर महिलाएं योग-व्यायाम करने से बचती हैं, लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो विशेषज्ञ की सलाह से नियमित योग करना फायदेमंद होता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले शारीरिक-मानसिक बदलाव के साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं।

Aug 23, 2023 / 07:07 pm

Jyoti Kumar

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Yoga for Pregnancy

गर्भावस्था में अक्सर महिलाएं योग-व्यायाम करने से बचती हैं, लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो विशेषज्ञ की सलाह से नियमित योग करना फायदेमंद होता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले शारीरिक-मानसिक बदलाव के साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं।

 

सेतुबंधासन
विधि: सेतुबंधासन के लिए पीठ के बल लेटते हुए दोनों पैर मोड़ें। अब दोनों हाथ पकडक़र शरीर को ऊपर उठाएं। सांस लें, रुकें, दोहराएं।
लाभ : इससे पीठ व मांसपेशियों का दर्द दूर होता है और ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार होता है। सामान्य प्रसव की संभावना बढ़ती है।

 

मार्जरी आसन
विधि: पैरों को खोलते हुए घुटनों व हाथों के बल शरीर उठाएं। सांस छोड़ते हुए सिर छाती की ओर ले जाएं व कमर ऊपर उठाएं।
लाभ : यह शरीर की मालिश करने का काम करता है और पीठ व गर्दन में खिंचाव पैदा करता है जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। ब्रीदिंग स्ट्रेस कम होता है। सहूलियत अनुसार करें।

 

शशकासन
विधि: पैर मोडक़र बैठें व दोनों हाथ घुटनों पर रखें। सांस लें व हाथ ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए चित्र के अनुसार गर्दन व रीढ़ सीधी रखते हुए आगे की ओर झुकती जाएं और दोनों हाथों को नीचे लाएं। सांस लेते हुए सीधे होते जाएं।
लाभ : तनाव व चिंता से दूर करता व ब्रीदिंग में सुधार करता है। सहूलियत रखें।

 

वीरभद्रासन
विधि: इस आसन के लिए पैर तीन या चार फीट दूरी पर खोलें व दांई एडी बाएं पैर की सीध में रखें। हाथ कंधे की सीध तक उठाएं। गहरी सांस छोड़ते हुए दांया घुटना मोड़ें, हाथ खींचें व सांस लेते समय शरीर ऊपर खींचें।
लाभ : इस आसन से हाथों, कंधों, जांघों व कमर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। तनाव दूर होता है। हाई बीपी की समस्या में बचाव होता है।

 

शवासन

विधि: पीठ के बल लेट जाएं, दोनों पैरों को खुला रखें। दोनों हाथ सीधे रखें और शरीर को ढीला छोड़ दें। इसे चित्र में दिखाए अनुसार भी कर सकती हैं।

लाभ : दर्द व थकान में आराम मिलता है। स्ट्रेस मैनेजमेंट में भी इससे फायदा मिलता है। इससे मन को एकाग्र करने में सहायता और मांसपेशियों भी आराम की मुद्रा में आती हैं। मन प्रसन्न रहता है। प्रसव सामान्य होता है।

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