क्या है संज्ञानात्मक व्यवहारिक थेरेपी (CBTi)?
कैलगरी और ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई इस रिसर्च के अनुसार, CBTi एक उपचार है जो विचारों, व्यवहारों और उन नींद के पैटर्न को पहचानने में मदद करता है जो अनिद्रा का कारण बनते हैं। इस थेरेपी के तहत व्यक्ति अपने गलत धारणाओं को चुनौती देता है और अपनी आदतों को पुनर्संरचित करता है ताकि नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
Postpartum Depression से बचाव में प्रभावी
UBCO स्कूल ऑफ नर्सिंग की सहायक प्रोफेसर डॉ. एलिजाबेथ कीज़ ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान ही इस प्रकार की थेरेपी से उपचार शुरू करना माँ और बच्चे दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है। उन्होंने बताया कि CBTi, जो अनिद्रा के इलाज के लिए एक मानक उपाय माना जाता है, गर्भावस्था में एंटीडिप्रेसेंट्स की तरह ही प्रभावी हो सकता है और इसके बहुत कम साइड इफेक्ट्स होते हैं।
Postpartum Depression: एक गंभीर मनोभावना विकार
प्रसवोत्तर अवसाद (PPD) एक मनोदशा विकार है जो शिशु के जन्म के बाद महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित कर सकता है। इसके लक्षणों में अधिक रोना, गुस्सा महसूस करना, बच्चे से दूरी महसूस करना, बच्चे की देखभाल करने में असमर्थता का एहसास और आत्म-हानि के विचार शामिल हो सकते हैं। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
अध्ययन में कैसे किया गया परीक्षण?
इस अध्ययन में 62 महिलाओं को अनिद्रा और अवसाद के लक्षणों का परीक्षण किया गया। इनमें से आधी महिलाओं को CBTi इंटरवेंशन ग्रुप में शामिल किया गया जबकि बाकी को कंट्रोल ग्रुप में रखा गया। डॉ. कीज़ के अनुसार, इस अध्ययन के परिणाम बेहद उत्साहजनक थे और इससे उन सभी महिलाओं की मदद की जा सकती है जिन्हें अपने नवजात बच्चों के साथ शुरुआती दिनों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
नींद स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने के लिए सुलभ उपचार की आवश्यकता
डॉ. कीज़ ने इस बात पर भी जोर दिया कि अब अगला कदम गर्भवती महिलाओं के लिए इस उपचार को अधिक सुलभ बनाना है ताकि वे स्वस्थ नींद का लाभ उठा सकें और प्रसवोत्तर अवसाद से बच सकें।