मुंबई से सटे अपने गृह क्षेत्र ठाणे में एकनाथ शिंदे काफी प्रभाव रखते है। उन्हें 1,59,060 वोट मिले, जो कुल पड़े वोट का 78.4 फीसदी है। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिवसेना उद्धव गुट के उम्मीदवार केदार दिघे को 38,343 वोट मिले। केदार दिघे शिंदे के राजनीतिक गुरु दिवंगत आनंद दिघे के भतीजे हैं।
2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105, अविभाजित शिवसेना ने 56, अविभाजित एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थी। तब शिंदे ने शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के संजय घाडीगांवकर को 89000 से अधिक वोटों से हराया था।
एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है। शिवसेना ने राज्य की 288 सीट में से 55 सीट जीत ली हैं और दो पर आगे है। शिवसेना ने राज्यभर में 81 उम्मीदवार उतारे थे। वहीँ, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) 20 सीटों पर जीती है।
बता दें कि सीएम शिंदे ने 2022 में तत्कालीन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था, जिससे बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना दो धड़ों में बंट गई। बाद में शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनायीं और वे मुख्यमंत्री बने। शिवसेना में विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और इसका चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ दिया। जबकि उद्धव ठाकरे गुट को नया नाम और पहचान मिला।
नतीजों पर यकीन नहीं हो रहा- उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो नतीजे आये है उस पर विश्वास नहीं हो रहा है। कोविड-19 के दौरान जिस महाराष्ट्र की जनता ने परिवार के मुखिया के रूप में मेरी बात सुनी, वह मेरे साथ ऐसा व्यवहार करेगी, इसकी उम्मीद नहीं थी। शिवसेना (यूबीटी) ने 95 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें महज 20 जीत सके हैं। आज के नतीजों को देखकर तो यही लग रहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को ही असली शिवसेना मानकर उस पर जीत की मुहर लगा दी है।