इस संबंध में कोर्ट मैनेजर आनंदा पद्मावत का कहना है कि, इन पदों के इंटरव्यू के लिए आठ बोर्ड सुनिश्चित किये गए हैं। इनमें पांच बोर्ड चपरासी पद के इंटरव्यू और तीन बोर्ड ड्राइवर के इंटरव्यू के लिए बनाए गए हैं। इनका इंटरव्यू पुलिस लाइन में लिया गया था, जबकि चपरासी पद के लिए इंटरव्यू जिला न्यायालय परिसर में हुआ थ। क्राउड मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए इंटरव्यू की समय सीमा तय की गई है। ये इंटरव्यू छुट्टियों के दिन भी जारी रहेंगे। इसके अलावा, वर्किंग-डे में सुबह 2 घंटे इंटरव्यू होगा। इस तरह भीड़ को भी नियंत्रित रखा जा सकेगा।
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बेरोजगारी चरम पर
बता दें कि, शहर की जिन दोनों परिसरों में इंटरव्यू लिया जा रहा है, वहां कोरोना गाइडलाइन का भी खास ख्याल रखा जा रहा है। लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए निर्धारित दूरी के अनुसार गोले बनाए गए हैं। वहीं दिव्यांगों और महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। उन्हें पहले बुलाया जा रहा है ताकि उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े।
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चपरासी बनने खड़े हैं पोस्ट ग्रेजुएट
इन सब के बीच खास बात ये है कि, प्रदेश में बेरोजगारी का स्तर ये है कि, चपरासी और ड्राइवर पद के लिए नौकरी करने वालों में पोस्ट ग्रेजुएट, ग्रेजुएट और 12वीं पास युवा लगे हुए हैं। इनमें एक छात्र तो ऐसा भी है जो चपरासी की नौकरी पाने के लिए दिल्ली से उज्जैन आ गया है। वहीं, इंटर्व्यू देने आए कुल युवाओं को अगर हर पद के हिसाब से विभाजित किया जाए तो एक-एक पद के लिए 380 आवेदक इसके लिए आए हैं।
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